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Hardoi News: हाथीकुंड बांध में 136 फिशिंग केज में हो रहे मछली पालन का डीएम ने किया निरीक्षण,दिए आवश्यक निर्देश

भारत के रिजर्वायर में औसतन 100 किलो प्रति हेक्टेयर मछली उत्पादन होता है, मछली पालन का निरीक्षण सोमवार की दोपहर डीएम नवादा रवि प्रकाश ने किया

By: Ratna Pathak | Last Updated: August 25, 2025 8:38:48 PM IST



Hardoi se —— ki report: नवादा जिले के रजौली प्रखंड क्षेत्र के हरदिया पंचायत स्थित हरदिया डैम (फुलवरिया जलाशय) में 136 फिशिंग केज में हो रहे मछली पालन का निरीक्षण सोमवार की दोपहर डीएम नवादा रवि प्रकाश ने किया। इस दौरान मत्स्य विभाग के मगध परिक्षेत्र के विपिन शर्मा, संयुक्त मत्स्य निदेशक सूरज कुमार, एसडीएम रजौली स्वतंत्र कुमार सुमन, जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष कुमार कुंदन, सीओ मो. गुफरान मजहरी,रिजर्वायर से राज्ञभूषण कुमार और नंदन कुमार के अलावे मछली पालन के बंदोबस्तीधारी कौशल कुमार भी मौजूद रहे। डीएम ने हरदिया डैम में हो रहे मछली पालन योजनाओं का गहनता से निरीक्षण कर जरूरी जानकारियां ली एवं संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही डैम को पर्यटन स्थल बनाने को की दिशा में सुरक्षित फ्लोटिंग रेस्टोरेंट व पानी में संचालित होने वाले स्कूटर की व्यवस्था को लेकर भी विचार विमर्श किए।

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आमदनी में बढ़ोत्तरी की है

डीएम ने बताया कि खुले डैम के अपेक्षा कई गुना ज्यादा केज में मछली का उत्पादन किया जाता है।इस डैम में लगभग 500 फिशिंग केज लगाया जाना है,जिसमें अभी 136 फिशिंग केज स्थापित कर मछली पालन किया जा चुका है।उन्होंने कहा कि केज फिशिंग से अधिक उत्पादन होने से व्यापार और आमदनी में बढ़ोत्तरी होती है।साथ ही कहा कि जिले के अन्य डैम में भी केज के जरिए मछली पालन परियोजना स्थापित की जाएगी।वहीं मत्स्य विभाग के मगध परिक्षेत्र के उपनिदेशक विपिन शर्मा ने बताया कि हरदिया डैम का फैलाव 571 हेक्टेयर (1400 एकड़) की भूमि पर पूर्व में परम्परागत तरीके से मछली पालन किया जा रहा था। वर्ष 2024 से 2029 तक के लिए हरदिया डैम में मछली पालन हेतु 39.97 लाख रुपए में बंदोबस्त कौशल कुमार को किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत के रिजर्वायर में औसतन 100 किलो प्रति हेक्टेयर मछली उत्पादन होता है। जबकि पूर्व में बिहार में मछली उत्पादन 1 किलो प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ करता था। उन्होंने बताया कि अभी 150 किलो प्रति हेक्टेयर से अधिक का मछली उत्पादन किया जा रहा है। हरदिया डैम में मछली पालन से लगभग 80 से 90 लोगों को सीधा रूप से रोजगार मिला है,  जिसमें मछुआरे, गार्ड,केज संरक्षक आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि 1 केज के निर्माण में 1.5 लाख रुपए और 1.5 लाख रुपए पालने में खर्च होते हैं, अर्थात कुल खर्च 3 लाख रुपए हैं। इस प्रकार 136 केज में मछली पालन हेतु लगभग 4 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।फ्लोटिंग रेस्टोरेंट व स्कूटर आदि से सुसज्जित होगा हरदिया डैम, पर्यटन स्थल का लुफ्त उठा सकेंगे लोग

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