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आखिर क्यों 100 से ज्यादा गांववालों ने PM मोदी से मांगी ‘सुसाइड की परमिशन’

महाराष्ट्र में मुंबई-अहमदाबाद (Mumbai-Ahemdabad) राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) की खस्ताहालत, गड्ढों (Potholes) और भीषण ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) से परेशान 100 से अधिक गांववालों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को (PM Narendra Modi) एक पत्र लिखकर सामूहिक आत्महत्या (Suicide Permission) करने की अनुमति मांगी है. यह खौफनाक कदम उन्होंने प्रशासनिक लापरवाही के विरोध में उठाया है.

By: DARSHNA DEEP | Last Updated: October 18, 2025 12:13:15 PM IST



Suicide permission from PM Modi: महाराष्ट्र से एक बेहद ही चौंकाने वाली खबर सामने आई है, इस खबर से पूरे देशभर में हड़कंप मचा दिया है. दरअसल, मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) की बदहाली और भारी ट्रैफिक जाम की बढ़ती समस्या से परेशान 100 से ज्यादा गांववालों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सामूहिक रूप से आत्महत्या करने की अनुमति की मांग की है. गांववालों ने प्रशासन के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन ने ्ब तक इस मामले में किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है. 

आखिर क्या है ग्रामीणों की पीड़ा:

पीएम मोदी को लिखे पत्र में गांववालों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारियों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है. जिसमें सड़क की बदहाली,  भारी ट्रैफिक जाम, अधिकारियों की अनदेखी जैसे आरोप शामिल हैं. 

सड़क की बदहाल स्थिति: 

हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आवाजाही करने में कई परेशानियों का करना पड़ता है सामना.

भीषण ट्रैफिक जाम: 

खराब यातायात प्रबंधन की वजह से जाम में घंटों तक फंसे रहना.

जीवन पर पड़ा रहा असर: 

एक्टिविस्ट पाटिल के मुताबिक, इस स्थिति की वजह से बच्चों की परीक्षाएं छूट रही हैं. तो वहीं दूसरी तरफ लोग अपनी फ्लाइट को मिस करने में मजबूर हो गए हैं. इसके अलावा इमरजेंसी में अस्पताल पहुंचने में कई घंटे लग जा रहे हैं. कई बार शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई.

अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग:

गुस्साए गांववालों ने पत्र में NHAI के परियोजना निदेशक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही उन्होंने यह भी दावा करते हुए कहा कि अधिकारियों ने हाल ही में जारी उस निर्देश की अनदेखी की जिसमें घोड़बंदर सड़क पर मरम्मत की वजह से चिंचोटी नाका से आगे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी. इसके अलावा गांववालों ने चेतावनी देते हुए कहा  कि समस्या का समाधान नहीं होने पर विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. 

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