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पब्लिक वाई-फाई से दूर रहें! Google की बड़ी चेतावनी, जानें क्यों हो सकता है खतरनाक

कंपनी का कहना है कि ऐसे नेटवर्क पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते, और हैकर्स आसानी से आपके मोबाइल डेटा, बैंक लॉगिन और चैट्स तक पहुंच सकते हैं. Google के मुताबिक, “Free Wi-Fi कभी-कभी Free Trap भी साबित हो सकता है.”

By: Renu chouhan | Published: November 12, 2025 3:54:57 PM IST



क्या आप भी कैफे, एयरपोर्ट या होटल में मुफ्त वाई-फाई देखकर तुरंत कनेक्ट कर लेते हैं? अगर हां, तो अब सावधान हो जाइए! Google ने एक नई चेतावनी जारी की है जिसमें कहा गया है कि पब्लिक वाई-फाई साइबर अपराधियों के लिए सबसे आसान शिकार का मैदान बन चुका है. कंपनी का कहना है कि ऐसे नेटवर्क पूरी तरह सुरक्षित नहीं होते, और हैकर्स आसानी से आपके मोबाइल डेटा, बैंक लॉगिन और चैट्स तक पहुंच सकते हैं. Google के मुताबिक, “Free Wi-Fi कभी-कभी Free Trap भी साबित हो सकता है.”

क्यों दी Google ने यह चेतावनी?
यह चेतावनी Google की हाल ही में जारी रिपोर्ट “Android: Behind the Screen” में दी गई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल अब बढ़ते मोबाइल फ्रॉड का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है. कंपनी ने साफ कहा है कि यूज़र्स को बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग या किसी भी फाइनेंशियल अकाउंट में लॉगिन करते समय पब्लिक नेटवर्क से दूर रहना चाहिए. Google का कहना है कि साइबर अपराधी ऐसे नेटवर्क पर मौजूद कमजोरियों का फायदा उठाकर यूज़र्स की निजी जानकारी चुरा सकते हैं.

बढ़ रहे मोबाइल फ्रॉड के मामले
भारत सहित पूरी दुनिया में डिजिटल स्कैम तेजी से बढ़ रहे हैं. Google की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में $400 बिलियन (करीब 33 लाख करोड़ रुपये) से अधिक की रकम लोगों से ठगी जा चुकी है. अधिकतर पीड़ितों को उनका पैसा कभी वापस नहीं मिल पाता. यह स्कैम अब एक ग्लोबल इंडस्ट्री बन चुके हैं, जिनका मकसद सिर्फ आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव पैदा करना है.

कैसे करते हैं स्कैमर्स धोखाधड़ी?
जैसे-जैसे टेक्नॉलजी आगे बढ़ रही है, स्कैमर्स भी अपने तरीकों को और एडवांस बना रहे हैं. Google ने बताया कि अब ये अपराधी एक तरह की “फर्जी कंपनी” की तरह काम करते हैं — वे चोरी किए गए मोबाइल नंबर खरीदते हैं, ऑटोमेटेड सिस्टम से हजारों मैसेज भेजते हैं, और फिशिंग वेबसाइट्स बनाकर यूज़र्स से पासवर्ड और कार्ड डिटेल्स चुराते हैं.

कुछ स्कैमर्स ऐसे देशों में काम कर रहे हैं जहां सस्ते सिम कार्ड मिल जाते हैं, जिससे वे लाखों लोगों को एक साथ निशाना बना सकते हैं. कई स्कैम फर्जी डिलीवरी नोटिफिकेशन, टैक्स मैसेज या बिजली बिल अलर्ट के जरिए किए जाते हैं. वहीं कुछ ठग पहले भरोसा जीतते हैं — फर्जी जॉब ऑफर या ऑनलाइन रिलेशनशिप बनाकर, फिर धीरे-धीरे पैसे लूट लेते हैं.

भावनाओं से खेलकर ठगते हैं पैसा
साइबर अपराधी सिर्फ टेक्नॉलजी नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं से भी खेलते हैं. वे ऐसे मैसेज भेजते हैं जो डर या घबराहट पैदा करें — जैसे “आपका बैंक अकाउंट लॉक हो गया है” या “आपका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होने वाला है.” ऐसे मैसेज देखकर लोग तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं और लिंक पर क्लिक कर बैठते हैं. अब तो स्कैमर्स ग्रुप चैट्स में अपने साथियों को जोड़ते हैं ताकि बातचीत असली लगे और एक साथ कई लोगों को फंसाया जा सके.

कैसे रहें सुरक्षित?
Google ने यूज़र्स को सलाह दी है कि पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल केवल जरूरत पड़ने पर ही करें. अगर करना पड़े तो किसी भी बैंक अकाउंट या पेमेंट साइट में लॉगिन न करें. अपने मोबाइल की ऑटो-कनेक्ट सेटिंग्स बंद रखें, और हमेशा देखें कि नेटवर्क सिक्योर (Encrypted) है या नहीं.

इसके अलावा, अजनबी मैसेज या ईमेल का जवाब देने से पहले सोचें, संपर्क की पुष्टि ऑफिशियल वेबसाइट या कस्टमर केयर से करें, अपने मोबाइल का सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट हमेशा चालू रखें, और बैंक स्टेटमेंट्स को नियमित रूप से चेक करते रहें ताकि कोई संदिग्ध ट्रांजैक्शन न हो.

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