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Delhi Police New Rule: सिर्फ एक कॉल पर दर्ज होगी आपकी ऑनलाइन ठगी की FIR, जानिए नया सिस्टम

अब अगर किसी व्यक्ति के साथ ₹1 लाख या उससे अधिक की ऑनलाइन ठगी होती है, तो वह सीधे e-FIR दर्ज करा सकेगा. पहले यह सुविधा केवल ₹10 लाख या उससे अधिक के फ्रॉड मामलों में ही लागू थी.

By: Renu chouhan | Published: October 31, 2025 10:51:28 PM IST



दिल्ली में बढ़ते साइबर फ्रॉड के मामलों को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब अगर किसी व्यक्ति के साथ ₹1 लाख या उससे अधिक की ऑनलाइन ठगी होती है, तो वह सीधे e-FIR दर्ज करा सकेगा. पहले यह सुविधा केवल ₹10 लाख या उससे अधिक के फ्रॉड मामलों में ही लागू थी. लेकिन अब यह सीमा घटाकर ₹1 लाख कर दी गई है, ताकि जल्दी न्याय और मजबूत डिजिटल पुलिसिंग सुनिश्चित हो सके.

1 नवंबर से लागू हुआ नया नियम
यह नया नियम 1 नवंबर 2025 से लागू हो गया है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अब पीड़ित किसी भी पुलिस स्टेशन जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. पुलिस स्टेशन में बने इंटीग्रेटेड हेल्प डेस्क (Integrated Help Desk) पर स्टाफ शिकायत दर्ज करेगा और अगर ठगी की रकम ₹1 लाख से अधिक है, तो वहीं से e-FIR दर्ज हो जाएगी. दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच), देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया- “पहले हमें हर महीने 70 से 80 शिकायतें मिलती थीं जिनमें ₹10 लाख या उससे अधिक की ठगी होती थी. अब ₹1 लाख की सीमा तय होने के बाद हमें उम्मीद है कि ये शिकायतें बढ़कर 700 से 800 प्रति माह तक पहुंच जाएंगी.”

e-FIR कैसे दर्ज करें?
इस नए सिस्टम के तहत, अगर किसी व्यक्ति के साथ ₹1 लाख या उससे ज्यादा का ऑनलाइन फ्रॉड हुआ है, तो वह साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सकता है. कॉल रिसीव करने वाला अधिकारी शिकायत को ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करेगा, जो अपने आप e-FIR में बदल जाएगी. दिल्ली पुलिस को इस हेल्पलाइन नंबर पर हर दिन 3,000 से ज्यादा कॉल्स आती हैं. साथ ही, पीड़ित व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन जाकर वहां मौजूद हेल्प डेस्क स्टाफ की मदद से e-FIR दर्ज करा सकता है.

श्रीवास्तव ने बताया कि- “हमारे पास दिल्ली में कुल 225 पुलिस स्टेशन हैं, जहां कोई भी पीड़ित आकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इससे हमें साइबर मामलों को जल्दी निपटाने में मदद मिलेगी.”

केस की जांच कौन करेगा?
अब साइबर फ्रॉड के मामलों की जांच ठगी की राशि के अनुसार तय की जाएगी-

₹1 लाख से ₹25 लाख तक- संबंधित पुलिस स्टेशन संभालेगा.
₹25 लाख से ₹50 लाख तक- क्राइम ब्रांच जांच करेगी.
₹50 लाख से अधिक- IFSO (Intelligence Fusion and Strategic Operations Unit) जांच करेगी.

दिल्ली पुलिस का लक्ष्य- जल्दी जांच, जल्दी न्याय
दिल्ली पुलिस का कहना है कि यह नई पहल साइबर अपराधों की जांच को तेज़ और जवाबदेह बनाएगी. अब केस दर्ज होने के तुरंत बाद ही डिजिटल वेरिफिकेशन और रियल-टाइम अपडेट्स मिलेंगे, जिससे समय की बचत होगी और कार्रवाई में पारदर्शिता बढ़ेगी.

पिछले साल ₹1,000 करोड़ की ठगी
साल 2024 में दिल्ली में ₹1,000 करोड़ से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी हुई थी. इसमें इन्वेस्टमेंट स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और बॉस स्कैम सबसे ज़्यादा रिपोर्ट हुए. इस साल दिल्ली पुलिस और बैंकों के समन्वय से करीब 20% ठगी का पैसा वापस पाने में सफलता मिली है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग दोगुना है. पुलिस ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि- “किसी भी ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट ग्रुप में शामिल न हों, अनजान .apk फाइल डाउनलोड न करें, और किसी अनजान अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने से पहले जांच करें.”

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