हाल ही में व्हाट्सएप पर एक नया साइबर फ्रॉड स्कैम सामने आया है, जिसमें ठग mParivahan ऐप और ट्रैफिक डिपार्टमेंट के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. लोगों को नकली “ट्रैफिक चालान” वाले मैसेज भेजे जा रहे हैं जिनमें लिखा होता है कि आपने कोई ट्रैफिक नियम तोड़ा है और अब आपको जुर्माना भरना होगा. कई यूज़र्स ने बताया कि उन्हें “Traffic Enforcement Department” या “e-Parivahan” नाम से व्हाट्सएप पर संदेश मिले हैं, जिनमें चालान की फर्जी डिटेल दी गई है और भुगतान करने के लिए लिंक भेजा गया है.
कैसे होता है ये स्कैम?
एक उदाहरण में नंबर +91 82177 88085 से आए संदेश में दावा किया गया कि यूज़र ने रेड लाइट जंप की है और ₹1000 का जुर्माना भरना होगा. संदेश में एक नकली चालान नंबर दिया गया था और लिखा था — “Download App” या “Check Details” पर क्लिक करें. लेकिन असल में ये लिंक फिशिंग साइट्स या मैलवेयर ऐप्स पर ले जाते हैं जो यूज़र की निजी जानकारी चुरा लेते हैं. यानी आप चालान भरने की बजाय अपना बैंक अकाउंट या मोबाइल डेटा खतरे में डाल देते हैं.

मैसेज को असली जैसा दिखाने की चाल
स्कैमर चालान संदेश को बिल्कुल सरकारी नोटिस जैसा बनाते हैं. इसमें “Traffic Violation Notice”, “Challan Number”, और “Legal Proceedings” जैसी लाइनें होती हैं ताकि यूज़र को लगे कि यह असली है. साथ ही वे लिखते हैं- “This incident has been documented and is subject to legal proceedings.” यानी दिखाने की कोशिश करते हैं कि अगर आप चालान नहीं भरेंगे तो कानूनी कार्रवाई होगी. यह भी दावा किया जाता है कि यह “Traffic Enforcement Department” की ओर से भेजा गया auto-generated message है.
असली mParivahan ऐसा नहीं करता
ध्यान देने वाली बात यह है कि mParivahan या सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH) कभी भी WhatsApp के जरिए चालान नहीं भेजते. असली चालान की जानकारी केवल दो जगह से मिल सकती है- आधिकारिक Parivahan वेबसाइट: https://echallan.parivahan.gov.in/
mParivahan मोबाइल ऐप (Play Store या App Store पर उपलब्ध)
इसके अलावा अगर कोई चालान असली होता है, तो उसकी सूचना SMS या सरकारी पोर्टल के जरिए ही मिलती है, न कि किसी अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर. अक्सर ये फेक अकाउंट्स अपने प्रोफाइल पिक्चर में किसी भगवान की फोटो या रैंडम इमेज लगाते हैं — जो किसी भी सरकारी संगठन की पहचान नहीं होती.
सुरक्षित रहने के तरीके
– किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और कोई ऐप डाउनलोड न करें.
– mParivahan ऐप या Parivahan वेबसाइट से ही चालान की सत्यता जांचें.
– अगर संदेश संदिग्ध लगे तो व्हाट्सएप में जाकर Report और Block करें.
– किसी भी अनजान लिंक पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी या वाहन डिटेल्स साझा न करें.
बढ़ते साइबर धोखे – डर दिखाकर ठगी का खेल
आजकल ऐसे फेक चालान स्कैम तेजी से बढ़ रहे हैं. ठग लोगों के जुर्माने और कानूनी कार्रवाई के डर का फायदा उठाकर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं. इनका मकसद सिर्फ एक है — यूज़र की जानकारी चुराकर ऑनलाइन ठगी करना. इसलिए अगली बार अगर आपके व्हाट्सएप पर “Traffic Challan” या “Pay Fine Now” जैसा संदेश आए- तो याद रखिए, ये असली नहीं बल्कि साइबर ठगों का नया जाल है.