Indian Govt On AI: भारत सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए नई एआई गवर्नेंस गाइडलाइंस जारी की हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इन्हें IndiaAI मिशन के तहत लॉन्च किया है.
इन गाइडलाइंस का मकसद यह तय करना है कि कंपनियां, डेवलपर्स और संस्थान एआई का इस्तेमाल इस तरह करें कि किसी व्यक्ति, समुदाय या पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे.
‘Do No Harm’ के सिद्धांत पर होगा काम
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद ने कहा कि भारत ‘Do No Harm’ यानी “किसी को नुकसान न पहुंचाने” के सिद्धांत पर काम करेगा. इसका अर्थ है कि एआई का उपयोग समाज के भले के लिए हो, न कि किसी को हानि पहुंचाने के लिए. मंत्रालय के सचिव एस.
कृष्णन ने बताया कि यह एआई फ्रेमवर्क मानव-केंद्रित (Human-Centric) होगा, जिसमें एआई इंसानों की मदद करेगा, उन्हें रिप्लेस नहीं करेगा. सरकार चाहती है कि एआई टेक्नोलॉजी पारदर्शी, भरोसेमंद और जवाबदेह हो.
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गाइडलाइंस में ऐसा क्या है?
इन गाइडलाइंस में 7 नैतिक सिद्धांत और 6 गवर्नेंस पिलर्स तय किए गए हैं, जो डेटा प्राइवेसी, बायस रोकने, सुरक्षा और जवाबदेही जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित हैं. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एआई डेवलपर्स और कंपनियां तकनीक का जिम्मेदारी से इस्तेमाल करें.
बनाई गई विशेष कमेटी
इन गाइडलाइंस को तैयार करने के लिए बनी विशेष कमेटी की अध्यक्षता प्रो. बलरामन रविंद्रन (IIT मद्रास) ने की. इस टीम में नीति आयोग, माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया, IISc, और iSPIRT फाउंडेशन के विशेषज्ञ शामिल थे.
IndiaAI-Impact Summit का आयोजन
इसके साथ ही, सरकार ने फरवरी 2026 में IndiaAI-Impact Summit के आयोजन की घोषणा की है. यह समिट दिल्ली में आयोजित होगी, जिसमें एआई के जिम्मेदार और सुरक्षित उपयोग पर नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और वैज्ञानिक चर्चा करेंगे. इसी कार्यक्रम में GSI (Geological Survey of India) और IndiaAI मिशन द्वारा आयोजित एआई हैकाथॉन के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा, उन्होंने खनिज खोज और संसाधन मैपिंग के लिए एआई-आधारित इनोवेटिव सॉल्यूशंस पेश किए.
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