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अब कोई नहीं बना सकेगा आपकी नकली वीडियो! YouTube के नए AI टूल ने मचा डाला तहलका

YouTube ने इंटरनेट की एक बहुत बड़ी परेशानी से निपटने के लिए एक जबरदस्त पहल की है. AI से बने Deepfake वीडियोज को पकड़ने और हटाने के लिए अब एक नया AI Likeness Detection Tool लॉन्च किया गया है. इस टूल का मकसद है ऐसे वीडियोज की पहचान करना जो किसी क्रिएटर की शक्ल या आवाज को उनकी इजाजत के बिना इस्तेमाल करते हैं, और उन्हें हटाना आसान बनाना.

By: Renu chouhan | Published: October 22, 2025 2:28:47 PM IST



YouTube ने इंटरनेट की एक बहुत बड़ी परेशानी से निपटने के लिए एक जबरदस्त पहल की है. AI से बने Deepfake वीडियोज को पकड़ने और हटाने के लिए अब एक नया AI Likeness Detection Tool लॉन्च किया गया है. इस टूल का मकसद है ऐसे वीडियोज की पहचान करना जो किसी क्रिएटर की शक्ल या आवाज को उनकी इजाजत के बिना इस्तेमाल करते हैं, और उन्हें हटाना आसान बनाना.

कैसे काम करता है यह टूल?
यह नया फीचर YouTube Studio के अंदर एक सेक्शन में मिलेगा, जिसका नाम है Content Detection. जब कोई क्रिएटर इस सुविधा का उपयोग करना चाहता है, तो सबसे पहले उसे एक पहचान सत्यापन प्रक्रिया (identity verification process) से गुजरना होगा. इसमें दो चीजें करनी होंगी:
1. अपना फोटो ID अपलोड करना
2. एक छोटा सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड करना — ताकि YouTube यह पक्का कर सके कि आप वही व्यक्ति हैं जिसकी पहचान की जा रही है.

पहचान होगी Deepfake की!
एक बार जब क्रिएटर की पहचान पक्की हो जाती है, तब YouTube का सिस्टम पूरे प्लेटफॉर्म पर स्कैन करता है कि कहीं कोई वीडियो उस क्रिएटर की AI से बनी नकली वीडियो या आवाज का इस्तेमाल तो नहीं कर रहा. अगर ऐसा कोई वीडियो मिलता है — जिसमें किसी का चेहरा कुछ और बोलता दिखे जो उसने कभी कहा ही नहीं — तो YouTube Studio में एक अलर्ट मिलता है.

फेक वीडियो की पूरी जानकारी मिलती है
क्रिएटर को एक लिस्ट दिखाई जाती है जिसमें निम्नलिखित जानकारी होती है:
* वीडियो का टाइटल
* चैनल का नाम
* कितने व्यूज आए हैं
* और यहां तक कि वीडियो में कौन सी लाइनें बोली गई हैं

फिर क्रिएटर को सिर्फ एक क्लिक में यह तय करना होता है कि कौन-कौन से वीडियो को हटाने की रिक्वेस्ट भेजनी है.

क्यों जरूरी है ये टूल?
YouTube ने कहा है कि यह टूल लोगों की पहचान की सुरक्षा के लिए बनाया गया है और दर्शकों को गुमराह होने से बचाने के लिए भी. इसके साथ ही, यह क्रिएटर्स को यह भी कंट्रोल देता है कि उनके वीडियो, आवाज या छवि का AI के जरिए गलत इस्तेमाल ना हो. इसके अलावा, अगर किसी ने उनकी वीडियो या ऑडियो को बिना इजाजत कॉपी किया है, तो क्रिएटर कॉपीराइट रिमूवल रिक्वेस्ट भी दे सकते हैं.

कब से मिलेगा यह फीचर?
फिलहाल यह फीचर धीरे-धीरे शुरू किया जा रहा है. YouTube Partner Program के सदस्यों — यानी वे क्रिएटर्स जो YouTube से पैसे कमाते हैं — उन्हें पहले इसका एक्सेस मिलेगा. YouTube ने कहा है कि जनवरी 2026 तक सभी मोनेटाइज्ड क्रिएटर्स को यह सुविधा मिल जाएगी.

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