अगर आप पेट्रोल या डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं, तो आपके लिए अब एक बेहतरीन विकल्प आ गया है. अब आपकी पुरानी कार को सिर्फ 90 मिनट में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) में बदला जा सकता है. इस प्रक्रिया में आपकी कार को बिना पूरी तरह बदले, एक इलेक्ट्रिक किट लगाई जाती है जो उसे ईंधन के बजाय बैटरी से चलने वाला वाहन बना देती है. इससे न सिर्फ खर्च घटता है बल्कि पर्यावरण भी साफ रहता है.
क्या है यह इलेक्ट्रिक कन्वर्ज़न टेक्नोलॉजी?
मार्केट में अब ऐसी EV कन्वर्ज़न किट्स उपलब्ध हैं जिन्हें पेट्रोल या डीजल कार में लगाकर उसे पूरी तरह इलेक्ट्रिक बना सकते हैं. इस किट में एक बैटरी पैक और मोटर सिस्टम होता है जो इंजन को रिप्लेस करता है. यानी गाड़ी का पेट्रोल इंजन निकाल दिया जाता है और उसकी जगह इलेक्ट्रिक मोटर लगाई जाती है.
किट फिट होने के बाद आपकी कार अब फ्यूल पर नहीं चलेगी बल्कि बिजली से चार्ज होकर चलेगी. कार की रेंज- यानी एक बार चार्ज करने पर कितनी दूरी तय करेगी- यह इस बात पर निर्भर करता है कि बैटरी की क्षमता (Battery Capacity) कितनी है.
कार में क्या-क्या बदलाव होंगे?
पेट्रोल या डीजल इंजन हटाने के बाद जब इलेक्ट्रिक किट लगती है, तो कार के पावर और टॉर्क में बदलाव आता है. इसका मतलब यह कि गाड़ी की ताकत और स्पीड अब मोटर की क्षमता पर निर्भर करेगी.
– अगर मोटर पावरफुल है, तो आपकी कार की एक्सेलरेशन और स्पीड बेहतर होगी.
– अगर बैटरी बड़ी है, तो रेंज (Range) यानी दूरी भी ज्यादा होगी.
कितनी होगी इलेक्ट्रिक किट की कीमत?
अब सबसे बड़ा सवाल- “इस कन्वर्ज़न में खर्च कितना आएगा?” रिपोर्ट्स के अनुसार, इलेक्ट्रिक कन्वर्ज़न किट की कीमत गाड़ी की कुल कीमत के लगभग आधे तक हो सकती है. यानी अगर आपकी कार की कीमत ₹8 लाख है, तो कन्वर्ज़न में ₹3.5 से ₹4 लाख तक खर्च हो सकता है. मार्केट में अब मारुति डिज़ायर, स्विफ्ट, और ह्युंडई i20 जैसी पॉपुलर गाड़ियों के लिए EV किट्स मिल रही हैं. यह किट्स सरकारी मान्यता प्राप्त कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं, ताकि आपकी कार सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से चले.
पर्यावरण और जेब दोनों को राहत
इलेक्ट्रिक किट लगाने के बाद आपकी गाड़ी जीरो इमीशन व्हीकल (Zero Emission Vehicle) बन जाती है, यानी यह प्रदूषण नहीं फैलाती. साथ ही अब आपको पेट्रोल या डीजल भरवाने की जरूरत नहीं होगी- सिर्फ चार्जिंग से काम चल जाएगा. इससे आपके महीने के फ्यूल खर्च में 70% तक की बचत हो सकती है. मेंटेनेंस भी बेहद आसान हो जाता है क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों में इंजन ऑयल या फिल्टर बदलने की जरूरत नहीं पड़ती. यानी लंबी अवधि में यह निवेश आपको भारी बचत देगा.
सिर्फ डेढ़ घंटे में पूरी प्रक्रिया
आपकी कार को इलेक्ट्रिक में बदलने की पूरी प्रक्रिया में केवल 90 मिनट लगते हैं. प्रशिक्षित तकनीशियन कार से इंजन हटाकर उसकी जगह इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी सिस्टम लगाते हैं. इसके बाद कार टेस्ट की जाती है ताकि परफॉर्मेंस सही रहे. यानी अगर आप सुबह कार लेकर वर्कशॉप जाते हैं, तो दोपहर तक आपकी पेट्रोल कार EV में बदल सकती है!