how to deactivate Aadhaar card after death: जब परिवार में किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी पहचान से जुड़ी सभी सरकारी दस्तावेजों को अपडेट या बंद करना जरूरी हो जाता है। इसी में एक अहम दस्तावेज है आधार कार्ड। अगर मृत व्यक्ति का आधार कार्ड समय रहते बंद (Deactivate) नहीं किया गया, तो उसकी पहचान का गलत इस्तेमाल हो सकता है। इस समस्या से बचने के लिए UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने एक ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है, जिसके जरिए आप घर बैठे मृत व्यक्ति का आधार कार्ड बंद करवा सकते हैं। यह सेवा myAadhaar पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध है। इस लेख में हम आपको बहुत ही आसान भाषा में बताएंगे कि यह प्रक्रिया कैसे पूरी करनी है।
myAadhaar पोर्टल पर लॉगिन करने की प्रक्रिया
आधार डिएक्टिवेट करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको myAadhaar पोर्टल
पर जाना होगा। पोर्टल खोलने के बाद वहां लॉगिन का विकल्प मिलेगा। आपको अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करना है, जिस पर एक OTP आएगा। OTP डालते ही आप पोर्टल में लॉगिन हो जाएंगे। यह पहला और जरूरी कदम है, जिससे आगे की प्रक्रिया शुरू होती है।
“Report Death of a Family Member” ऑप्शन को सिलेक्ट करें
लॉगिन करने के बाद पोर्टल पर आपको एक विशेष विकल्प दिखाई देगा – “Report Death of a Family Member”, यानी परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की जानकारी देने का विकल्प। यह सुविधा खासतौर पर मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को बंद करने के लिए बनाई गई है। इस विकल्प पर क्लिक करने के बाद आप सीधे उस प्रक्रिया में प्रवेश कर जाते हैं, जहां आधार कार्ड डिएक्टिवेशन की कार्यवाही होती है।
मृत व्यक्ति की जानकारी दर्ज करें
अब आपको उस व्यक्ति की जानकारी भरनी होती है जिसकी मृत्यु हो चुकी है। यहां पर आपको आधार नंबर, नाम और मृत्यु की तारीख जैसी बुनियादी जानकारियाँ दर्ज करनी होंगी। यह जानकारी बहुत ध्यान से और सही-सही भरनी चाहिए, क्योंकि UIDAI उसी के आधार पर आगे का सत्यापन करता है। अगर जानकारी गलत हुई, तो प्रक्रिया में देरी हो सकती है या आपका अनुरोध अस्वीकार भी किया जा सकता है।
जरूरत पड़ने पर दस्तावेज अपलोड करें
कुछ मामलों में पोर्टल आपसे मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) या अन्य प्रमाणिक दस्तावेज अपलोड करने के लिए कह सकता है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिएक्टिवेशन का अनुरोध असली है और कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो रहा। आप इन दस्तावेजों की स्कैन की हुई कॉपी अपलोड कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और सुरक्षित होती है, और आपके द्वारा दी गई जानकारी का पूरा ध्यान रखा जाता है।
आधार डिएक्टिवेशन अनुरोध सबमिट करें
जब आप सारी जानकारी भर लेते हैं और जरूरत होने पर डॉक्युमेंट्स भी अपलोड कर देते हैं, तो अंतिम चरण में आपको अपना अनुरोध सबमिट करना होता है। इसके बाद UIDAI द्वारा दी गई जानकारी और दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। अगर सबकुछ सही पाया गया, तो मृत व्यक्ति के आधार कार्ड को “Deactivated” यानी बंद कर दिया जाता है। इससे उसकी पहचान का कोई गलत इस्तेमाल नहीं हो पाता और सभी सरकारी रिकॉर्ड भी अपडेट हो जाते हैं। साथ ही यह कानूनी और वित्तीय कार्यों में भी मददगार होता है।
मृत्यु के बाद आधार कार्ड बंद करना क्यों जरूरी है
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनका आधार कार्ड चालू रखने से कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। जैसे – पहचान की चोरी, बैंक खातों का गलत इस्तेमाल, पेंशन या अन्य सरकारी लाभों में धोखाधड़ी आदि। इसलिए UIDAI ने यह प्रक्रिया शुरू की है, जिससे परिवार वाले समय रहते कार्ड बंद करवा सकें और किसी भी कानूनी या वित्तीय दिक्कत से बच सकें।