Why Is Cricket Pitch Of 22 Yards : भारत में क्रिकेट महज एक खेल नहीं, बल्कि जुनून, भावना और उत्सव है. चाहे गली के बच्चे हों या इंटरनेशनल क्रिकेटर, सभी के लिए क्रिकेट की एक ही जान होती है – पिच. मैदान की बाउंड्री बड़ी या छोटी हो सकती है, लेकिन पिच की लंबाई हर जगह एक जैसी- 22 गज (20.12 मीटर) – ही होती है. आखिर क्यों? चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं.
पिच का आकार और उसका महत्व
क्रिकेट पिच एक आयताकार जगह होती है, जिसकी लंबाई 22 गज और चौड़ाई 3.05 मीटर होती है. स्टंप से स्टंप के बीच की दूरी 22 गज मानी जाती है, जबकि स्टंप के पीछे थोड़ा हिस्सा (करीब 1.22 मीटर) भी खेल का हिस्सा होता है.
पिच ही वो जगह है जहां से गेंदबाज गेंद डालता है और बल्लेबाज रन बनाता है. यही वजह है कि इसका माप क्रिकेट के पूरे संतुलन को तय करता है.
कहां से आया ये माप?
क्रिकेट की शुरुआत ब्रिटेन में हुई थी और उस समय लंबाई मापने के लिए ‘चेन’ नाम की इकाई का इस्तेमाल होता था. एक चेन की लंबाई होती थी – 22 गज और क्रिकेट में भी पिच की लंबाई यही तय कर दी गई.
इसका कोई वैज्ञानिक कारण नहीं था, बल्कि ये सिर्फ एक परंपरा और संतुलन बनाए रखने का तरीका था. इस दूरी पर गेंदबाज को स्पीड और स्विंग दोनों का मौका मिलता है और बल्लेबाज को भी शॉट खेलने का पूरा समय.
हर उम्र के लिए तय माप
भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में पिच की लंबाई फिक्स हो, लेकिन छोटे बच्चों या जूनियर लेवल क्रिकेट में पिच की लंबाई उम्र के हिसाब से थोड़ी कम की जा सकती है. फिर भी ये बदलाव भी तय नियमों के तहत होता है.
पिच और खेल की रणनीति
पिच सिर्फ लंबाई और चौड़ाई से नहीं, बल्कि उसकी बनावट से भी खेल पर असर डालती है:
फ्लैट और हार्ड पिच: बल्लेबाजों के लिए फायदेमंद
ग्रीन टॉप पिच: तेज गेंदबाजों की मददगार
रैंक टर्नर पिच: स्पिनर्स के लिए वरदान
यानि पिच न सिर्फ खेल की नींव है, बल्कि पूरी रणनीति और रोमांच की दिशा तय करती है.