Sourav Ganguly on Eden Gardens Pitch: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला मैच 3 दिन से भी कम समय में खत्म होने की कगार पर है. दोनों टीमें चारों पारियों में से किसी में भी 200 रन का आंकड़ा पार नहीं कर पाईं, जिससे फैंस और विशेषज्ञों के बीच ईडन गार्डन्स के क्यूरेटर सुजन मुखर्जी द्वारा तैयार की गई पिच को लेकर एक बड़ी बहस छिड़ गई है. हालांकि, पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली, जो बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) के अध्यक्ष भी हैं, ने गौतम गंभीर की अगुवाई वाली भारतीय टीम पर फिर से ध्यान केंद्रित कर दिया है.
क्या कहा सौरव गांगुली ने?
गांगुली ने एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि पिच भारतीय टीम मैनेजमेंट की इच्छा के अनुसार तैयार की गई थी. इसलिए, क्यूरेटर मुखर्जी को दोष देने का कोई मतलब नहीं है. वास्तव में, पूर्व कप्तान ने यह भी बताया कि टेस्ट शुरू होने से चार दिन पहले पिच पर पानी नहीं डाला गया था, इसलिए इसे इस तरह से टूटना पड़ा.
गांगुली ने News18 बांग्ला से कहा कि यह पिच वैसी ही है जैसी भारतीय टीम चाहती थी. जब आप चार दिनों तक पिच पर पानी नहीं डालते तो यही होता है. क्यूरेटर सुजन मुखर्जी को दोष नहीं दिया जा सकता.
दूसरे खिलाड़ियों ने भी रखी बात
कोलकाता में दूसरे दिन का खेल शुरू होने के बाद से ही प्रतिक्रियाएं ज़ोरदार और तेज़ हो गई हैं. भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक ने पिच के बारे में एक बड़ी बात साझा की और इसके इतनी जल्दी टूटने के संभावित कारण के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि मैच से एक रात पहले पिच पर पानी नहीं डाला गया था. इसलिए यह इतनी जल्दी टूट गई.
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ वर्नोन फ़िलैंडर ने एक अलग तरीका अपनाया, वे चाहते थे कि पिच से ध्यान हट जाए. उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के बारे में बात करें, पिच के बारे में नहीं. टेस्ट क्रिकेट में मेल बिठाना ही सब कुछ है.
विदेशी टीम के बल्लेबाजी कोच एशवेल प्रिंस ने स्वीकार किया कि पिच ने विश्वास को कम कर दिया है – जब गेंद अचानक उछलती है या नीचे रहती है, तो आप शॉट लगाना मुश्किल हो जाता है.
ICC द्वारा ईडन गार्डन्स को खराब रेटिंग और संभावित डिमेरिट अंक दिए जाने की आशंका के बीच, पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने इस तरह की पिचों के कारण टेस्ट क्रिकेट के अंत की भविष्यवाणी करने में ज़रा भी संकोच नहीं किया. उन्होंने कहा कि अगर हम इसी तरह सर्विस करते रहे, तो टेस्ट क्रिकेट को विरोधियों के खत्म होने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. हम खुद ही इसे खत्म कर देंगे.

