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इस खिलाड़ी के लिए सेलेक्टर्स से लड़ गए थे सौरव गांगुली, जानें फिर क्या हुआ? खुद पूर्व भारतीय कप्तान ने बताया पूरा वाकया

Sourav Ganguly News: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि एक बार अनिल कुंबले को टीम में शामिल करने को लेकर उनका BCCI सिलेक्टर्स से टकराव हुआ था.

By: Shubahm Srivastava | Published: December 21, 2025 1:04:00 AM IST



Sourav Ganguly On Selectors: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने खुलासा किया कि एक बार अनिल कुंबले को टीम में शामिल करने को लेकर उनका BCCI सिलेक्टर्स से टकराव हुआ था. यह साल 2003 की बात है, और गांगुली, जो कप्तान के तौर पर अपने तीसरे साल में थे, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम में कुंबले को शामिल करने पर अड़े हुए थे.

कंधे की चोट के कारण यह चैंपियन लेग-स्पिनर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2001 की मशहूर टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा नहीं बन पाया था, लेकिन वापसी के बाद से, कुंबले ने खुद को टीम के मुख्य स्पिनर के तौर पर फिर से स्थापित कर लिया था, और फॉर्म में चल रहे हरभजन सिंह को पीछे छोड़ दिया था.

सिलेक्शन कमेटी की अलग थी सोच

हालांकि, सिलेक्शन कमेटी की सोच अलग थी, वे कुंबले के बिना टीम बनाने की सोच रहे थे. लेकिन, गांगुली अपनी बात पर अड़े रहे और कुंबले को ऑस्ट्रेलिया की उस फ्लाइट में भेजने के लिए उन्होंने अपनी कप्तानी भी दांव पर लगा दी. और जैसा कि हुआ, कुंबले ने तीन टेस्ट में 24 विकेट लिए, जिसमें SCG में 8/141 का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी शामिल था, और भारत ने सीरीज़ ड्रॉ कराई और ट्रॉफी अपने पास रखी.

‘नहीं, मैं उसके बिना नहीं जाऊंगा’

गांगुली ने बंधन बैंक द्वारा पावर्ड ‘द कैप्टन्स काम’ में हर्षा भोगले से कहा कि, “2003 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर, अनिल कुंबले ने शानदार प्रदर्शन किया, और उन्होंने साल का अंत सबसे ज़्यादा विकेट लेकर किया. मैं इसकी कल्पना भी नहीं कर सकता था (टीम में अनिल कुंबले के बिना), खासकर ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर. और मुझे याद है कि सिलेक्टर्स ने मुझसे कहा था कि मुझे एक लेफ्ट-आर्म स्पिनर की ज़रूरत है क्योंकि हमसे पहले जब न्यूज़ीलैंड ने दौरा किया था, तो डेनियल विटोरी ने बहुत अच्छी गेंदबाज़ी की थी.

उन्होंने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था. लेकिन मैंने कहा, ‘नहीं, मैं उसके बिना नहीं जाऊंगा.’ मुझे आज भी हैदराबाद की वह रात याद है, सेमी-फ़ाइनल के बाद. मुझसे कहा गया था कि अगर टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो मैं दोबारा कप्तान नहीं रहूंगा. मैंने कहा, ‘सीरीज़ खत्म होने के बाद देखेंगे’.

कप्तान बनने के लिए क्या चाहिए? गांगुली ने जवाब दिया

दादा, जो BCCI के सिलेक्टर्स के चेयरमैन भी रह चुके हैं, ने याद किया कि उन्हें मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ा था. ऑस्ट्रेलिया के शानदार दौरे के बाद पाकिस्तान का सफल दौरा हुआ, जहां भारत ने गांगुली की कप्तानी में टेस्ट और वनडे दोनों सीरीज़ जीतीं. यह 1989 के बाद 15 साल के गैप के बाद पाकिस्तान का भारत का पहला दौरा था, और गांगुली और उनकी टीम ने ज़बरदस्त जवाब दिया. ऑस्ट्रेलिया के उस दौरे पर कई यादगार पल और सुपरस्टार बने, जिसने भारत के कप्तान के तौर पर गांगुली की इज़्ज़त को बहुत बढ़ाया.

गांगुली ने आगे कहा, “मुझसे यह सवाल कई बार पूछा गया है. मुझे याद है एक पत्रकार ने मुझसे पूछा था, ‘बहुत कम लोग पाकिस्तान से कप्तान के तौर पर वापस आए हैं’. तो, ये चुनौतियाँ हैं. अगर आप भारत के कप्तान बनना चाहते हैं, तो आपसे यह सवाल पूछा जाएगा. इसलिए, खड़े होइए, मज़बूत बनिए और इसे स्वीकार करने के लिए तैयार रहिए. अपनी बात को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत करें, एक्स्ट्रा मेहनत करें. यही ज़रूरी है.”

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