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Gautam Gambhir Resigns: गौतम गंभीर के इस्तीफे पर खत्म हुआ सस्पेंस, हेड कोच ने खुद दिया बड़ा बयान

IND vs SA: गुवाहाटी में भारत को 408 रनों की हार झेलनी पड़ी. रनों के लिहाज़ से यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे बड़ी हार रही. भारत की इस हार के बाद गौतम गंभीर के इस्तीफे को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है.

By: Pradeep Kumar | Last Updated: November 26, 2025 5:38:40 PM IST



Gautam Gambhir: भारत और द.अफ्रीका के बीच खेली गई टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम ने लचर प्रदर्शन किया. द.अफ्रीका ने 25 सालों के बाद भारत को उसी के घर में ना सिर्फ मात दी बल्कि भारतीय टीम का इस तरह से क्लीन स्वीप किया जिसे क्रिकेट के इतिहास में लंबे समय तक याद रखा जाएगा. भारतीय टीम के इस शर्मनाक प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया के खिलाड़ियों पर तो सवाल खड़े हो ही रहे हैं, साथ ही साथ टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर भी सवालों के घेरे में हैं. अब सवाल ये है कि भारतीय टीम के इस लचर प्रदर्शन के बाद क्या हेड कोच गौतम गंभीर इस्तीफा देंगे? हालांकि इसका जवाब खुद गंभीर दे चुके हैं. गंभीर ने गुवाहाटी में मिली करारी हार के बाद कहा- ‘मैं वही कोच हूं जिसके अंडर भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप भी जीता है’. इस बयान से साफ है कि गंभीर अपने पद से इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं, लेकिन अब गौतम गंभीर को इस्तीफा दे देना चाहिए. क्योंकि भले ही गंभीर ये कह रहे हों कि अंडर भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीता है लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि ये दोनों टूर्नामेंट व्हाइट बॉल के थे. टेस्ट क्रिकेट में तो गंभीर के अंडर भारतीय टीम का प्रदर्शन बद से बदतर हो गया है. 

रस्सी जल गई पर बल नहीं गया!

पिछले एक साल के दौरान टीम इंडिया को घरेलू धरती पर सात में से पांच टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. पिछले अक्टूबर में न्यूज़ीलैंड ने भारतीय टीम का सूपड़ा साफ कर दिया था और 3-0 से सीरीज जीतकर कभी ना भूलने वाली हार थमाई थी. अब दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ़ 2-0 की हार ने माहौल को और ज़्यादा गर्म कर दिया है. ऐसे में भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर पर सवाल उठने लाज़िमी हैं, लेकिन गंभीर ने ये साफ कर दिया है कि वो कहीं नहीं जा रहे हैं.
 
गुवाहाटी में भारत को 408 रनों की हार झेलनी पड़ी. रनों के लिहाज़ से यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की सबसे बड़ी हार रही. इस हार के बाद सोशल मीडिया पर गौतम गंभीर की तीखी आलोचना हो रही है. अब तो कुछ पूर्व भारतीय क्रिकेटर भी उन पर सवाल उठा रहे हैं. गुवाहाटी में भारतीय पत्रकारों ने भी कोच गंभीर से कई मुश्किल सवाल पूछे, जिनमें पिछले साल न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ 0-3 की हार की याद भी ताज़ा की गई. पिछले साल न्यूज़ीलैंड की टीम ने भारतीय टीम को घर में 3-0 से रौंद दिया था. अब वही काम द.अफ्रीका ने कर दिखाया है. हालांकि इन दोनों सीरीज़ के बीच बहुत कुछ बदल चुका है. भारतीय क्रिकेट के तीन दिग्गज टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हो चुके हैं. इनमें रविचंद्रन अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली का नाम शुमार है, लेकिन क्या यह बदलाव भारत की कमजोरियों को छिपाने के लिए काफी है? गुवाहाटी में मिली करारी हार के बाद गंभीर ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि यह बीसीसीआई पर निर्भर करता है. मैंने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि भारतीय क्रिकेट महत्वपूर्ण है. मैं नहीं…मैं आज भी मैं उसी बात पर कायम हूं. लोग भूल जाते हैं कि इंग्लैंड में भी मैं ही वो व्यक्ति था जिसके तहत हम नतीजे ला पाए थे. वह भी एक युवा टीम के साथ. मुझे पता है कि आप लोग यह बात जल्द ही भूल जाएंगे. बहुत लोग न्यूज़ीलैंड की बात करते हैं, लेकिन मैं वही कोच हूं जिसके अंडर भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप भी जीते हैं. यह एक अनुभवहीन टीम है. मैंने पहले भी कहा है, इन्हें सीखना होगा और हालात बदलने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा.’

ऐसे प्रदर्शन से कैसे बनेगी बात?

बीसीसीआई ने राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त होने और भारत के 29 जून को T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया था. हालांकि सफ़ेद गेंद क्रिकेट में भारत का प्रदर्शन ठीक रहा है. टीम इंडिया ने इस साल चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप जीते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में टीम का स्तर हर सीरीज़ के साथ गिरता हुआ दिख रहा है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी गंवाना, सिर्फ़ वेस्टइंडीज़ और बांग्लादेश जैसी टीमों पर जीत, और सबसे ऊपर इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ ड्रॉ करना और अब अपने घर में द.अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में क्लीन स्वीप होना, टीम इंडिया के लिए बिल्कुल भी अच्छे संकेत नहीं हैं. ऐसे में हेड कोच अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए नज़र आते हैं. गंभीर ने कहा कि हार की जिम्मेदारी ड्रेसिंग रूम में मौजूद सभी पर आती है. इसकी शुरुआत मुझसे होती है. हम साथ जीतते हैं और साथ हारते हैं. मैं यह नहीं कहूंगा कि इस हार की जिम्मेदारी फलां-फलां की है. ड्रेसिंग रूम में मौजूद हर शख्स पर इस हार की जिम्मेदारी है.’

कौन है हार का ज़िम्मेदार?

गंभीर ने किसी पर भी हार का ढीकरा फोड़ने से इन्कार जरू कर दिया, लेकिन उन्होंने इतना जरुर कहा कि ये टीम अनुभवहीन है. इसी वजह से हमें हार का सामना करना पड़ा. गौतम गंभीर ने कहा कि सबसे पहले न्यूज़ीलैंड वाली सीरीज़ में हमारी टीम बिल्कुल अलग थी. यह टीम बिलकुल अलग है. अगर आप तब की बैटिंग लाइन-अप की तुलना आज की लाइन-अप से करेंगे तो अनुभव का फर्क जमीन-आसमान जैसा है. इसलिए न्यूज़ीलैंड से तुलना करना गलत है. मैं बहाने नहीं बनाऊंगा, ना कभी पहले बनाए हैं और ना कभी भविष्य में बनाऊंगा. लेकिन अगर आप देखें तो इस टीम के टॉप 8 में से 4–5 बल्लेबाज़ों ने अभी तक 15 से भी कम टेस्ट खेले हैं. ये खिलाड़ी समय के साथ विकसित होंगे. टेस्ट क्रिकेट कभी आसान नहीं होता, खासकर जब आप एक टॉप-क्वालिटी टीम के खिलाफ़ खेल रहे हों. इन्हें समय देना होगा.’

गंभीर इस टीम में अनुभवहीनता की दुहाई दे रहे हैं, लेकिन असल में वो अपने बल्लेबाज़ों की खामियों को छुपा रहे हैं. क्योंकि जिस पिच पर द. अफ्रीकी बल्लेबाज़ रनों का अंबार लगा रहे थे. उसी पिच पर भारतीय खिलाड़ी स्पिन के सामने घुटने टेकते हुए नज़र आए. ऐसा लग रहा था, जैसे द. अफ्रीकी टीम अलग पिच पर मैच खेल रही थी और भारतीय बल्लेबाज़ अलग पिच पर बैटिंग कर रहे थे. चलिए ये मान भी लिया जाए कि कुछ बल्लेबाज़ों का अनुभव कम था, लेकिन उनका क्या जिनके पास अच्छा खासा अनुभव है. के एल राहुल ने क्या किया? ऋषभ पंत ने कौन सा तीर मार लिया? पहले मैच में शुभमन गिल ने क्या कर लिया? इन खिलाड़ियों के पास तो अच्छा-खासा अनुभव है. दरअसल गंभीर सच्चाई छुपा रहे हैं. वो ये मान ही नहीं रहे कि किसी भी टेस्ट सीरीज से पहले उनकी टीम की तैयारी पुख्ता होती ही नहीं है. वो क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट के लिए अलग-अलग रणनीति बनाने में बार-बार लगातार फ्लॉप हो रहे हैं. पिछले डेढ़ साल में वो भारत को सिर्फ दो टेस्ट सीरीज़ जिता पाए हैं. इनमें से एक थी बांग्लादेश के खिलाफ और दूसरी थी वेस्टइंडीज़ के खिलाफ, तो ऐसे में गंभीर को नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.

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