IND vs ENG 4th Test: मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट ड्रॉ पर समाप्त हुआ, जिससे पाँच मैचों की श्रृंखला जीवंत बनी हुई है और एक रोमांचक निर्णायक मुकाबले की ओर बढ़ रही है। पाँच दिनों तक चले कड़े संघर्ष के बाद, कोई भी पक्ष परिणाम पर दबाव नहीं बना सका, क्योंकि अंतिम दिन पिच से गेंदबाजों को सीमित मदद मिल रही थी।
जडेजा और वाशिंगटन ने जड़ा शतक
रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने निर्णायक शतक लगाकर भारत को पाँचवें दिन के अंतिम सत्र में सुरक्षित स्थिति में पहुँचाया और मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट मैच को ड्रॉ पर पहुँचाया। उनकी 200 से अधिक रनों की मैराथन साझेदारी पाँच सत्रों से भी अधिक समय तक चली, जिसमें उन्होंने दबाव में उल्लेखनीय संयम का परिचय दिया।
वाशिंगटन सुंदर ने जहाँ अपना पहला टेस्ट शतक लगाया, वहीं रवींद्र जडेजा ने छठे या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड में दो टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बनकर इतिहास रच दिया।
इस ड्रॉ का मतलब है कि श्रृंखला बराबरी पर है और इंग्लैंड 2-1 से आगे है। अगर भारत को श्रृंखला बराबर करनी है और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अपनी उम्मीदों को मज़बूत रखना है, तो पाँचवाँ और अंतिम टेस्ट अब उसके लिए जीतना ज़रूरी हो गया है। इंग्लैंड के लिए, अंतिम मैच में जीत सीरीज़ पर कब्ज़ा कर लेगी और हाल ही में विदेशों में मिली असफलताओं के बाद उसे सुखद वापसी का मौका देगी।
गिल-राहुल की साझेदारी से हुई भारत की वापसी
भारत ने अपनी दूसरी पारी 143 ओवरों में 4 विकेट पर 425 रन पर समाप्त की, जिससे दोनों टीमें ड्रॉ पर सहमत हो गईं। भारत की वापसी की नींव कप्तान शुभमन गिल ने रखी, जिनके शानदार शतक ने 311 रनों के भारी अंतर को पाटने में मदद की। केएल राहुल (जो 90 रन बनाकर शतक से चूक गए) के साथ उनकी 417 गेंदों की मज़बूत साझेदारी पारी को संभालने में अहम साबित हुई।
गिल की यह पारी ऐतिहासिक रही, जिससे वह इंग्लैंड की धरती पर एक ही सीरीज़ में चार टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय बन गए। उनका शांत नेतृत्व और बल्ले से निरंतरता भारत के अभियान की खासियत रही है।
इस परिणाम के साथ, इंग्लैंड ने पाँचवें और अंतिम टेस्ट में 2-1 की बढ़त बरकरार रखी है। हालाँकि, भारत अपनी इस ज़बरदस्त वापसी से आत्मविश्वास हासिल करेगा और निर्णायक मैच में सीरीज़ बराबर करने की उम्मीद करेगा।