Commonwealth Games 2030: खेलों के लिहाज से भारत के लिए बुधवार (26 नवंबर, 2025) का दिन बेहद अहम रहा. भारत को एक बार फिर कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिली. वर्ष 2030 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन अहमदाबाद शहर में होगा. वर्ष 2010 में भारत ने अंतिम बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की थी, जब इसका आयोजन दिल्ली में हुआ था. ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ स्पोर्ट जनरल असेंबली में भारत के अहमदाबाद शहर को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के अधिकार दिए गए हैं. इस स्टोरी में हम बताएंगे इससे जुड़ी खास बातें.
1. 2030 में 74 देशों के खिलाड़ी लेंगे हिस्सा
भारत के अहमदाबाद में आयोजित होने वाला कॉमनवेल्थ गेम्स बेहद खास रहने वाला है. वर्ष 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स को आधिकारिक रूप XXIV Commonwealth Games नाम दिया गया है. आंकड़ों में जाएं तो यह टूर्नामेंट का 24वां संस्करण होगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अहमदाबाद कॉमनवेल्थ गेम्स में दुनियाभर के 74 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे.
2.तीसरी बार एशिया में होगा कॉमनवेल्थ गेम्स
भारत के अहमदाबाद में आयोजित होने वाला कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 कई मायनों में खास होगा. यह पहला मौका है जब भारत में कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन होने जा रहा है. इस तरह यह तीसरा मौका होगा जब कॉमनवेल्थ गेम्स एशिया में होगा. इससे पहले वर्ष 2010 में भारत की राजधानी दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स का सफल आयोजन किया जा चुका है. वहीं, इससे भी पहले वर्ष 1998 में कुआला लुम्पुर में इस गेम्स का आयोजन हुआ था. वहीं, पिछला संस्करण 2022 में इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में हुआ था. इसमें भी भारत का प्रदर्शन अच्छा ही रहा था.
3.कब और कहां आयोजित हुआ था पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स?
कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत करीब 95 साल पहले हुई थी. कनाडा के हैमिल्टन शहर में वर्ष 1930 में पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजित किए गए थे. इसके बाद यह प्रत्येक 4 वर्ष में आयोजित किया जाता है. यह भी रोचक है कि वर्ष 1930 से लेकर अब तक इन खेलों के नाम में 4 बार परिवर्तन किया गया है.
4. 4 बार बदला गया नाम
वर्ष 1930 से लेकर अब तक इन खेलों के नाम में 4 बार परिवर्तन किया गया है. यह भी रोचक है कि शुरुआत में ‘ब्रिटिश एंपायर खेल’ के नाम से इन खेलों को पहचान मिली. इसके बाद वर्ष 1930 से 1950 तक इसी नाम से इन खेलों का आयोजन होता रहा. कुछ वर्षों के बाद इन खेलों का नाम ‘ब्रिटिश एंपायर और कॉमनवेल्थ खेल’ किया गया. ब्रिटिश एंपायर और कॉमनवेल्थ नाम से ये खेल 12 साल (1954 से 1966) तक आयोजित होते रहे.
5.कब रखा गया ‘कॉमनवेल्थ नाम’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 1970 में इन खेलों की शुरुआत से पहले तीसरी बार इसका नाम बदला गया. इन खेलों को ‘ब्रिटिश राष्ट्रमंडल खेल’ नाम दिया गया. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 2 बार खेलों का आयोजन इसी नाम से हुआ. इसके बाद चौथी बार वर्ष 1978 में इन खेलों का नाम फिर बदला गय. इस बार इन खेलों को नाम मिला ‘कॉमनवेल्थ खेल’. यह नाम कई देशों को अच्छा नहीं लगा, इसलिए भाग नहीं लेते थे. फिर आम सहमति से इन खेलों का नाम ‘कॉमनवेल्थ गेम्स’ रख दिया गया. हैरत की बात यह है कि इसके बाद बड़ी संख्या में देशों ने इसमें भाग लिया.
6.भारत ने कब-कब नहीं भाग लिया इन खेलों में
भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स का शुरुआत में प्रदर्शन कुछ खास अच्छा नहीं रहा. वर्ष 1938 में सिडनी (ऑस्ट्रेलिया) और वर्ष 1954 में वैंकूवर में भारत के हाथ कोई भी पदक नहीं लगा. कुल मिलाकर सबसे बेकार प्रदर्शन 1938 और 1954 में ही रहा. यह भी बता दें कि 1930, 1950, 1962 और 1986 में भारत ने भाग नहीं लिया. 21 वीं सदी की शुरुआत के साथ ही भारत का प्रदर्शन सुधरता रहा. इस लिहाज से वर्ष 2010 कॉमनवेल्थ खेलों में भारत के लिहाज से बहुत ही अच्छा रहा. दिल्ली में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 101 पदकों के साथ मेडल तालिका में भारत ने दूसरा स्थान हासिल किया था. इसमें ऑस्ट्रेलिया 180 पदक के साथ टॉप पर था.
7.2010 में भारत ने किया कमाल
वर्ष 2010 में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 39 गोल्ड, 26 सिल्वर और 36 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए थे. इस लिहाज से वह दूसरे स्थान पर रहा. 4 साल बाद वर्ष 2014 में ग्लासगो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रदर्शन थोड़ा फीका रहा था. इसमें वह 5वें स्थान पर रहा. ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में भारत को कुल 64 पदक हासिल हुए. भारत को यहां 15 स्वर्ण, 30 सिल्वर और 19 ब्रॉन्ड मेडल मिले. फिर भी विदेशी धरती पर उसका प्रदर्शन काफी शानदार रहा था.
8.2018 में भी भारत ने किया था अच्छा प्रदर्शन
कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भारत ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए कुल 66 पदक (26 स्वर्ण, 20 रजत और 20 कांस्य) जीते थे. इसके साथ ही वह अंक तालिका में तीसरे स्थान पर रहा था. इस लिहाज से यह 2010 के बाद भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इस वर्ष निशानेबाजी में 16 पदक और कुश्ती में 20 पदक मिले थे.
9.किसने की थी खेलों की शुरुआत?
बहुत कम लोग जानते होंगे कि इन खेलों की शुरुआत कनाडा के शख्स बॉबी रॉबिन्सन (Bobby Robinson) ने की थी. जानकारों का कहना है कि एक न्यूजपेपर में बॉबी रॉबिन्सन स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट थे. वह खुद खेलते भी थे और कोच भी थे. उन्होंने अपनी तरफ से इसका शुरुआत की. सरकार और खेल संस्थानों को इसके आयोजन के लिए राजी किया. इसके बाद यानी बॉबी रॉबिन्सन (Bobby Robinson) की कोशिशों के बाद 16 अगस्त, 1930 को कनाडा के हैमिल्टन में ब्रिटिश एम्पायर गेम्स का आयोजन हुआ. पहली बार इसमें कुल 8 स्पोर्ट्स के 59 इवेंट इसमें शामिल किए गए.
एडिशन वर्ष देश शहर
1 1930 कनाडा हैमिल्टन
2 1934 इंग्लैंड लंदन
3 1938 ऑस्ट्रेलिया सिडनी
4 1950 न्यूजीलैंड ऑकलैंड
5 1954 कनाडा वैंकूवर
6 1958 वेल्स कार्डिफ
7 1962 ऑस्ट्रेलिया पर्थ
8 1966 जमैका किंग्सटन
9 1970 स्कॉटलैंड एडिनबर्ग
10 1974 न्यूजीलैंड क्राइस्टचर्च
11 1978 कनाडा एडमोंटन
12 1982 ऑस्ट्रेलिया ब्रिस्बेन
13 1986 स्कॉटलैंड एडिनबर्ग
14 1990 न्यूजीलैंड ऑकलैंड
15 1994 कनाडा विक्टोरिया
16 1998 मलेशिया कुआलालंपुर
17 2002 इंग्लैंड मैनचेस्टर
18 2006 ऑस्ट्रेलिया मेलबर्न
19 2010 भारत दिल्ली
20 2014 स्कॉटलैंड ग्लासगो
21 2018 ऑस्ट्रेलिया गोल्ड कोस्ट
22 2022 इंग्लैंड बर्मिंघम
23 2026 भारत अहमदाबाद