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CWG 100th Anniversary: अहमदाबाद बना 2030 शताब्दी कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी का दावेदार, भारत को ऐतिहासिक मौका

India at Commonwealth Games: कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स बोर्ड ने 2030 शताब्दी खेलों के लिए अहमदाबाद को मेज़बान शहर के रूप में सुझाया है, अंतिम फैसला नवंबर 2025 में ग्लासगो में होगा.

Published by Sharim Ansari

Ahmedabad 2030 CWG: कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के एग्जीक्यूटिव बोर्ड (Executive Board) ने आज पुष्टि की है कि वह 2030 शताब्दी कॉमनवेल्थ खेलों के लिए भारत के अहमदाबाद शहर को प्रस्तावित मेज़बान शहर के रूप में सुझाएगा. अमदावाद (जिसे भारत के गुजरात राज्य में अहमदाबाद के नाम से भी जाना जाता है) को अब पूर्ण कॉमनवेल्थ खेल सदस्यता के लिए प्रस्तावित किया जाएगा, जिसका अंतिम निर्णय 26 नवंबर 2025 को ग्लासगो (Glasgow) में होने वाली कॉमनवेल्थ खेल असेंबली में होगा.

अहमदाबाद vs अबुजा, 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की रेस में दो दावेदार

अमदावाद (Ahmedabad) की सिफ़ारिश कॉमनवेल्थ खेल मूल्यांकन समिति की देखरेख में एक विस्तृत प्रक्रिया के बाद की गई है, जिसने तकनीकी वितरण, एथलीट अनुभव, बुनियादी ढांचे, शासन और राष्ट्रमंडल खेल मूल्यों के साथ संरेखण सहित कई मानदंडों के आधार पर उम्मीदवार शहरों का मूल्यांकन किया. कॉमनवेल्थ खेल के ‘खेल रीसेट’ सिद्धांतों के तहत, जो संभावित मेज़बानों को इनोवेटिव होने और सहयोगात्मक रूप से काम करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, भारत के अहमदाबाद शहर और नाइजीरिया (Nigeria) के अबुजा शहर दोनों ने ऐसे आकर्षक प्रस्ताव प्रस्तुत किए जो कॉमनवेल्थ खेल आंदोलन की महत्वाकांक्षा और क्षमता को दर्शाते हैं.

यह सिफ़ारिश कॉमनवेल्थ खेल आंदोलन के लिए एक ऐतिहासिक पल का प्रतिनिधित्व करती है. 2030 के खेल, 1930 में हैमिल्टन, कनाडा में आयोजित उद्घाटन समारोह की शताब्दी का प्रतीक होंगे. ग्लासगो 2026 तेज़ी से नज़दीक आ रहा है और एथलीटों व फैंस, दोनों के लिए एक ‘WOW’ फैक्टर साबित होने का वादा कर रहा है, ऐसे में आज की सिफारिश शताब्दी खेलों और उसके बाद के खेलों के लिए एक रोमांचक मंच प्रदान करती है, जो लम्बे समय की स्थिरता और गति प्रदान करती है.

कॉमनवेल्थ में सबसे अधिक आबादी वाला देश, भारत का एक गौरवशाली खेल इतिहास और राष्ट्रमंडल खेलों में सफलता का एक मज़बूत रिकॉर्ड रहा है, बर्मिंघम (Birmingham) 2022 में मेडल टेबल में चौथे स्थान पर रहा. अहमदाबाद का प्रस्ताव राष्ट्रमंडल के मूल्यों के प्रति भारत की कमिटमेन्ट और आधुनिक खेलों के पैमाने और विविधता को दर्शाने वाले खेलों के आयोजन की उसकी क्षमता पर ज़ोर देता है.

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इसके अलावा, नाइजीरिया की प्रभावशाली और महत्वाकांक्षी प्रस्तुति को देखते हुए, Commonwealth Sports Executive Board ने भविष्य के खेलों के लिए नाइजीरिया की मेज़बानी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन और गति प्रदान करने के लिए एक रणनीति विकसित करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें 2034 के लिए विचार भी शामिल है. यह निर्णय भविष्य के खेलों की पाइपलाइन को सुरक्षित करने और अफ्रीका में खेलों की मेज़बानी करने के लिए राष्ट्रमंडल खेल की रणनीतिक प्रतिबद्धता का समर्थन करता है.

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कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के इंटरनल प्रेसिडेंट डॉ. डोनाल्ड रुकारे (Dr. Donald Rukare) ने कहा कि हम भारत और नाइजीरिया, दोनों के आभारी हैं कि उन्होंने 2030 के कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी के प्रस्ताव तैयार करने में जो दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता दिखाई है, उसके लिए हम उनके आभारी हैं. दोनों ही प्रस्ताव प्रेरणादायक थे और हमारे कॉमनवेल्थ परिवार में मौजूद अवसरों की व्यापकता को दर्शाते हैं. एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने इवैल्यूएशन कमिटी के निष्कर्षों पर ध्यानपूर्वक विचार किया है और हमारे सदस्यों के लिए अहमदाबाद की सिफ़ारिश कर रहा है. यह इस आंदोलन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है क्योंकि हम अपने शताब्दी खेलों की ओर देख रहे हैं, और अब हम ग्लासगो में होने वाली आम सभा का इंतज़ार कर रहे हैं जहां हमारे सदस्य अंतिम निर्णय लेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि बोर्ड नाइजीरिया के प्रस्ताव की दूरदर्शिता और महत्वाकांक्षा से प्रभावित है और भविष्य में मेज़बानी के अवसरों की तलाश के लिए उनकी टीम के साथ काम करना जारी रखने की हमारी प्रतिबद्धता में एकजुट है. यह निर्णय कॉमनवेल्थ खेलों को अफ्रीकी महाद्वीप तक ले जाने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है.

पी.टी. उषा और CEO का बयान

कॉमनवेल्थ गेम्स एसोसिएशन इंडिया की अध्यक्ष डॉ. पी. टी. उषा ने कहा कि अहमदाबाद में शताब्दी कॉमनवेल्थ खेलों की मेज़बानी करना भारत के लिए एक असाधारण सम्मान की बात होगी. ये खेल न केवल भारत की विश्वस्तरीय खेल और आयोजन क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे, बल्कि विकसित भारत 2047 की ओर हमारी राष्ट्रीय यात्रा में भी एक सार्थक भूमिका निभाएंगे. हम 2030 के खेलों को अपने युवाओं को प्रेरित करने, अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों को मज़बूत करने और राष्ट्रमंडल भर में एक साझा भविष्य में योगदान देने के एक सशक्त अवसर के रूप में देखते हैं.

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) Katie Sadleir CNZM ने कहा कि आज की सिफ़ारिश राष्ट्रमंडल खेल आंदोलन के भविष्य के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. यह ग्लासगो 2026 द्वारा प्रदान किए जाने वाले मंच पर आधारित है और आने वाले वर्षों के लिए एक स्पष्ट दिशा निर्धारित करती है. 2030 में होने वाले शताब्दी खेल न केवल 100 वर्षों के इतिहास का जश्न मनाने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि यह प्रदर्शित करने का भी अवसर प्रदान करते हैं कि कैसे कॉमनवेल्थ खेल निरंतर विकसित होते रह सकते हैं और राष्ट्रमंडल भर के एथलीटों, समुदायों और राष्ट्रों पर सार्थक प्रभाव डाल सकते हैं.

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