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Science News: रात का अंधेरा बदल देता है इंसान का दिमाग! साइंटिस्ट ने बताई चौंकाने वाली वजह

Science News: कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में क्लिनिकल आई साइंसेज के प्रोफेसर डॉ. स्कॉट ई. ब्रॉडी के अनुसार, ये संवेदनाएं दृश्य तंत्र की अंधेरे पर प्रतिक्रिया से उत्पन्न होती है. कम दृश्यता बढ़ी हुई जागरूकता और सक्रिय तंत्रों के संयोजन से भय की भावना उत्पन्न होती है.

By: Mohammad Nematullah | Published: October 31, 2025 9:29:03 PM IST



Brain Works in Dark: जब अंधेरा या कम रोशनी होती है, तो हमारा मस्तिष्क गति की झलक धुंधले रंग और छायादार छवियों जैसे भ्रम पैदा करने की साजिश रचता है जो हमारी दृष्टि से परे प्रतीत होते है. साइंस के प्रोफेसर डॉ. स्कॉट ई. ब्रॉडी के अनुसार ये संवेदनाएं दृश्य तंत्र की अंधेरे पर प्रतिक्रिया से उत्पन्न होती है. कम दृश्यता बढ़ी हुई जागरूकता और सक्रिय तंत्रों का संयोजन भय की भावना पैदा करता है.

हम मानते हैं कि जो हम देखते हैं वह वास्तविक है. लेकिन ऐसा नहीं है। डॉ. ब्रॉडी के अनुसार हमारी दृश्य प्रणाली तंत्रिका संबंधी और जैव-रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा धोखा खा सकती है. दृष्टि भ्रम इसे स्पष्ट रूप से दर्शाते है. वे दिखाते हैं कि मस्तिष्क कितनी आसानी से दृश्य संकेतों की गलत व्याख्या कर सकता है.

वैज्ञानिक ने कहा

जर्मन दृष्टि वैज्ञानिक माइकल बाख ने कई प्रकार के भ्रमों का वर्णन किया है जैसे कि कैसे धारणा विकृत हो सकती है और ऐसी छवियां बना सकती है जो जरूरी नहीं कि सत्य हो.

इस विकृति को देखने का एक आसान तरीका है अपनी बंद आंख के ऊपरी हिस्से पर धीरे से दबाना. जैसे ही आप अपनी उंगली हिलाएंगे आपको एक चमकदार किनारे वाला एक काला वृत्त दिखाई देगा जो दूसरी दिशा में घूमता हुआ प्रतीत होगा. इसमें कोई बाहरी प्रकाश शामिल नहीं है. यह प्रभाव रेटिना की यांत्रिक उत्तेजना द्वारा उत्पन्न होता है. जो तंत्रिका कोशिकाओं को सक्रिय करता है और मस्तिष्क को एक दृश्य छवि उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है.

आखिर ऐसा क्यों

जब आप पूर्ण अंधकार में होते है तो आपकी आंखें अत्यधिक सक्रिय होती है. ब्रॉडी ने कहा कि अंधेरे में रेटिना की गतिविधि तेज रोशनी के समान ही होती है. हालांकि यह मुख्य रूप से ऑन-सेल्स के बजाय ऑफ-सेल्स द्वारा संचालित होती है. इन संकेतों में छोटे उतार-चढ़ाव रेटिना सर्किट को सक्रिय कर सकते है. जिससे प्रकाश के बिना देखने का भ्रम पैदा हो सकता है.

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