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Breathing in Space: अंतरिक्ष में सिर्फ इतनी देर तक सांस ले सकता है एक इंसान, बनाने पड़ते हैं पृथ्वी जैसे हालात

Human Survival in Space: बिना स्पेससूट के इंसान अंतरिक्ष में सिर्फ 15 सेकंड में बेहोश हो सकता है और कुछ ही मिनटों में उसकी मौत हो सकती है. बाहरी अंतरिक्ष का वैक्यूम शरीर को बुरी तरह प्रभावित करता है, जिससे तुरंत ऑक्सीजन की कमी और अन्य जानलेवा समस्याएं शुरू हो जाती हैं.

By: Sharim Ansari | Published: October 21, 2025 9:26:30 PM IST



How Long a Human can Breathe in Space: हम में से कई लोग अंतरिक्ष में जाने का सपना देखते हैं. शायद आपने सोचा होगा कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) पर जाना या नए ग्रहों की खोज करना कैसा होगा. लेकिन अंतरिक्ष यात्रा में कई चुनौतियां और खतरनाक स्थितियां होती हैं, इसलिए वहां जीवन बनाए रखने के लिए हमें पृथ्वी जैसे हालात तैयार करना ज़रूरी होता है.

स्पेससूट अंतरिक्ष यात्रियों को थोड़े समय के लिए अपने अंतरिक्ष यान से बाहर निकलने की अनुमति देते हैं, क्योंकि ये मानव जीवन के लिए आवश्यक हवा, पानी, दबाव और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. लेकिन इन एडवांस्ड सूटों के बिना क्या होगा? अगर किसी व्यक्ति को बाहरी अंतरिक्ष के कठोर वैक्यूम में धकेल दिया जाए, तो वह कितने समय तक जीवित रह सकता है? इसका सीधा जवाब है, बहुत लंबे समय तक नहीं.

कितनी देर तक ले सकते हैं सांस?

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के अधिकारी स्टीफन डी मे (Stefaan de Mey) के मुताबिक, अगर कोई इंसान सीधे बाहरी अंतरिक्ष में चला जाए, तो ऑक्सीजन की कमी से वह सिर्फ 10 से 15 सेकंड में बेहोश हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन फैलने लगती है और आपके फेफड़ों को फाड़कर उन्हें अलग कर देती है, और इससे आपके खून में उबाल और बुलबुले बनने लगते हैं, जिससे तुरंत Embolism (एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त वाहिका में रुकावट आ जाती है) हो जाएगा और आपके शरीर पर घातक प्रभाव पड़ेगा.

गोताखोरों की तरह, जो गहराई से ऊपर आते समय दबाव में बदलाव का सामना करते हैं, अंतरिक्ष में भी ऐसा ही खतरा होता है. अगर आप बिना सुरक्षा के अंतरिक्ष में जा रहे हैं, तो पहले अपने फेफड़ों से जितनी हो सके उतनी हवा निकालनी चाहिए. वहां दबाव न होने की वजह से और भी कई जानलेवा समस्याएं हो सकती हैं, जो धीरे-धीरे असर करती हैं.

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फिल्मों में दिखाया जाता है गलत

स्टीफन डी मे के मुताबिक, अंतरिक्ष में लार और आंसू जैसे शरीर के तरल पदार्थ उबलने लगते हैं. शरीर थोड़ा फूल सकता है, लेकिन हमारी त्वचा इतनी लचीली होती है कि वह इस दबाव में भी सुरक्षित रहती है. उन्होंने यह भी कहा कि फिल्मों में इंसानों के फटने वाले सीन सही नहीं होते.

सबसे अच्छी स्थिति में भी, आपके पास बेहोश होने से पहले सिर्फ कुछ ही सेकंड होते हैं क्योंकि खून में ऑक्सीजन तेजी से खत्म हो जाती है. अगर तुरंत मदद नहीं मिली, तो कुछ ही मिनटों में दिमाग काम करना बंद कर देगा. जब तक आपको वापस अंतरिक्ष यान में लाकर ऑक्सीजन और दबाव वाला माहौल नहीं दिया जाता और तुरंत इलाज नहीं किया जाता, बचना मुश्किल होता है. महत्वपूर्ण ऑक्सीजन और दबाव प्रदान करने के अलावा, स्पेससूट अंतरिक्ष यात्रियों को अन्य खतरों और डैमेज से भी बचाते हैं.

ईवीए सूट के बिना अंतरिक्ष में रहना बहुत ही घातक हो जाता है, वो भी बहुत जल्दी. हालांकि कोई इस भयावह स्थिति से बच तो सकता है, लेकिन वह चाहेगा कि उसके फेफड़ों में बहुत कम हवा हो और वह कुछ ही सेकंड में दबाव वाले अंतरिक्ष यान की सुरक्षा में वापस आ जाए, या फिर कुछ ही मिनटों में बचाए जाने की उम्मीद करे.

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