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जानें कौन है ‘दंडाधिकारी’? कैसे मिली भगवान की उपाधि, न्याय के देवता शनिदेव की रहस्मयी कहानी!

Shani Dev: शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। माना जाता है कि वह लोगों को कर्मों के मुताबिक फल देते हैं। आईए बताते हैं आखिर क्यों शनि देव (Shani Dev) को कहा जाता है 'दंडाधिकारी'

By: Preeti Rajput | Published: August 2, 2025 9:29:52 AM IST



Shani Dev: सूर्य पुत्र शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। मान्यता के मुताबिक, वह लोगों को कर्मों के मुताबिक फल देते हैं। साथ ही उन्हें बाकि देवताओं में सबसे क्रूर देवता भी माना जाता है। व्यक्ति अपने जीवन में जो भी काम करते हैं, उन पर हमेशा शनि देव की नजर रहती है।अच्छे कर्म करने वालों को वह अच्छे फल देते हैं। वहीं बुरे कर्म वालों को उनके क्रोध का सामना करना पड़ता है।  

कौन हैं शनिदेव? 

शनि देव सूर्य देव और माता छाया के पुत्र है। उनके बड़े भाई का नाम यम हैं, जिन्हें यमराज भी कहा जाता है। शनिदेव की बहन का नाम यमी है, जो यमुना के नाम से जानी जाती है। यम प्राण हरते हैं और शनिदेव उन्हें कर्मों के मुताबिक फल देते हैं। शनि देव को क्रूर ग्रह का श्राप उन्हीं की पत्नि ने दिया था। शनि भगवान की सवारी कौआ मानी जाती है। 

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कैसे शनिदेव बने न्याय के देवता? 

बता दें कि एक बार शनि देव और भगवान शिव के बीच भयंकर युद्ध हुआ। जिसमें शनिदेव की हार हुुई, हारने के बाद शनिदेव के पिता सुर्य देव ने शिव जी से माफी मांगी। लेकिन शनिदेव की हिम्म देख शिव जी काफी प्रभावित हुए। इसके बाद ही शिव जी ने उन्हें दण्डाधिकारी नियुक्त किया। तभी से शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। 

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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