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Wedding Rituals: विवाह के समय तीन बार क्यों भरा जाता है मांग में सिंदूर? जानिए क्या है इसका महत्व

Wedding Rituals: विवाह के समय मांग में तीन बार सिंदूर भरा जाता है. सिंदूरदान हिंदू विवाह की सबसे महत्वपूर्ण रस्म होती है. इसके पीछे धार्मिक कारण बताए जाते हैं. तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि सिंदूर लगाने का क्या महत्व होता है?

By: Shivi Bajpai | Published: November 20, 2025 5:35:19 PM IST



Marriage Rituals: भारत में हिंदू धर्म की महिलाएं विशेष तौर पर अपनी मांग में सिंदूर लगाती हैं. ये सिंदूर विवाह के समय सबसे पहले दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में अंगूठी से भरता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सिंदूर लगाने से पति की उम्र लंबी होती है. साथ ही सिंदूर विवाहित महिला की के सुहाग की निशानी माना जाता है. सिंदूर लगाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. मात सीता ने भी अपनी मांग में सिंदूर भरा था. विवाह के समय मांग में तीन बार सिंदूर भरा जाता है. सिंदूरदान हिंदू विवाह की सबसे महत्वपूर्ण रस्म होती है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. 

सिंदूर लगाने का धार्मिक कारण क्या है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह के समय तीन बार मांग भरी जाती है. पहली बार सिंदूर का संबंध धन की देवी माता लक्ष्मी से बताया गया है. इससे नवविवाहित जोड़े का जीवन खुशियों से भरा रहता है. दूसरी बार सिंदूर भरने का संबंध माता सरस्वती से बताया जाता है. इससे ज्ञान, विद्या और वाणी अच्छी होती है. ये बताता है कि विवाहित जीवन में ज्ञान और समझदारी बहुत जरूरी है.

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नाक पर सिंदूर गिरना शुभ होता है क्या?

तीसरी बार सिंदूर भरने का संबंध माता पार्वती से बताया गया है. यह विवाहित जोड़े को शक्ति देता है और नकारात्मक शक्तियों से बचाता है. ताकि उनके जीवन में खुशहाली बनी रहे. साथ ही दुल्हन को एक साल तक वही सिंदूर लगाना चाहिए, जो विवाह के समय उसकी मांग में भरा जाता है. इससे दूल्हा-दुल्हन के बीच प्रेम बना रहता है.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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