Vighneshvara Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में हर व्रत और त्योहार का अपना अलग और विशेष महत्व होता है. पौष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश के लिए व्रत किया जाता है. यह व्रत बहुत लोकप्रिय है. पौष मास की चतुर्थी को भक्तिपूर्वक भगवान गणेश के विघ्नेश्वर स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है.
इस दिन ब्राह्मणों को लड्डुओं का भोज कराकर दक्षिणा दी जाती है. इस व्रत का पालन करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. ऐसा मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म मध्याह्न के समय हुआ था, इसीलिये मध्याह्न काल को गणेश पूजन हेतु सर्वोत्तम माना जाता है. भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता हैं. जिनका हर धर्म-कर्म में सबसे पहले पूजन किया जाता है.
विघ्नेश्वर चतुर्थी 2025 तिथि (Vighneshvara Chaturthi 2025 Tithi)
विघ्नेश्वर चतुर्थी 24 दिसंबर, 2025 बुधवार को मनाई जाएगी.
इस दिन पूजा दोपहर के समय की जाती है. चतुर्थी मध्याह्न मुहूर्त – 11:48 से 14:42 तक रहेगा.
जिसकी अवधि – 02 घण्टे 54 मिनट्स
एक दिन पूर्व, वर्जित चन्द्रदर्शन का समय – 17:12 से दिसम्बर 23 को 23:01 बजे तक रहेगा.
इसकी कुल अवधि – 05 घण्टे 49 मिनट्स
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय – 09:29 से 23:32
अवधि – 14 घण्टे 02 मिनट्स
इस दिन चतुर्थी तिथि की शुरुआत 23 दिसंबर, 2025 को शाम 17:12 बजे होगी.
चतुर्थी तिथि समाप्त 24 दिसंबर, 2025 को शाम 18:11 बजे होगी.
विघ्नेश्वर चतुर्थी व्रत पूजा विधि (Pujan Vidhi)
इस दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
व्रत का संकल्प लें और भगवान श्रीगणेश का पूजन करें.
गणेश जी को दूर्वा, शमी पत्र, सिन्दूर, लड्डू, मोदक, तिल एवं गुड़ अर्पित करें.
गणेश जी को 21 दूर्वाओं अर्पित करें.
इस दिन गणेश स्तोत्र और गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें.
साथ ही विघ्नेश्वर चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें.
पंचमी तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन करा के विधिवत् व्रत का पारण करें.
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