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Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा कल, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का टाइम

Sharad Purnima 2025: हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा के त्योहार का बहुत महत्व है. साल 2025 में ये 6 अक्टूबर को मनाया जाएगा. माना जाता है कि इस रात खीर को बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखने से औषधीय गुण प्राप्त होते हैं और सारे रोगों से मक्ति मिलती हैं. तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी सारी जानकारी जैसे पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

By: Shivi Bajpai | Published: October 5, 2025 6:22:16 PM IST



Sharad Purnima Kyu Mnate Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. यह दिन धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और उसकी किरणों में अमृत तत्व प्रवाहित होता है. इस वर्ष शरद पूर्णिमा 2025, 6 अक्टूबर (सोमवार) को मनाई जाएगी. इस दिन मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है.

शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 6 अक्टूबर को प्रातः 9:22 बजे से प्रारंभ होकर 7 अक्टूबर को प्रातः 10:05 बजे तक रहेगी. शरद पूर्णिमा की पूजा रात में चंद्रोदय के बाद की जाती है, क्योंकि इस समय चंद्रमा की किरणों में विशेष औषधीय गुण होते हैं. चंद्रोदय का समय रात्रि 8:10 बजे (स्थानीय समय अनुसार थोड़ा अंतर हो सकता है) रहेगा.

पूजा विधि

शरद पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा की जाती है. इस दिन घर की सफाई कर स्थान को गंगाजल से पवित्र करें और सफेद वस्त्र पहनें. पूजा स्थान पर सफेद कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें. चावल, खीर, मिश्री और कमल के फूल अर्पित करें. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय दूध और जल का मिश्रण प्रयोग करें और “ओम सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में धन की बरकत बनी रहती है.

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शरद पूर्णिमा की खीर का महत्व

शरद पूर्णिमा की रात बनाई गई खीर को खुले आसमान के नीचे रखा जाता है ताकि उसमें चांदनी का अमृत समा सके. माना जाता है कि यह खीर सेवन करने से रोग दूर होते हैं और शरीर में स्फूर्ति आती है. यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और आज भी लोग श्रद्धा से इसे निभाते हैं.

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