Sawan 2025: सावन का महीना आते ही हर तरफ हर-हर महादेव की गूंज सुनाई देने लगती है। यह महीना शिव भक्तों के लिए बहुत खास होता है। कहा जाता है कि इस महीने में भोलेनाथ अपने हर रूप में भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिव जी के 5 प्रमुख रूप हैं और हर रूप का एक खास मतलब है? आइए शिव के इन 5 रूपों के बारे में जानते हैं।
महादेव: सृष्टि के सबसे बड़े देवता
जब भी हम शिव का नाम लेते हैं, सबसे पहले महादेव का रूप याद आता है। यह रूप हमें सिखाता है कि सच्चा बल विनम्रता में होता है। सावन में शिवलिंग पर जल चढ़ाना, बिल्वपत्र अर्पित करना इसी रूप से जुड़ा होता है। माना जाता है कि इस रूप में शिव भक्तों के पापों का नाश करते हैं।
नटराज: तांडव करने वाला शिव
नटराज शिव का वह रूप है जो ब्रह्मांड के नृत्य का प्रतीक है। यह रूप बताता है कि जीवन में बदलाव जरूरी है। सावन में जब कांवड़िए डमरू बजाते हुए चलते हैं, तो वो भी नटराज रूप का संकेत होता है। इस रूप की पूजा करने से जीवन में तालमेल और ऊर्जा आती है।
अर्धनारीश्वर: शक्ति और शिव का मिलन
अर्धनारीश्वर वो रूप है जिसमें शिव और शक्ति एक साथ होते हैं। यह रूप दर्शाता है कि स्त्री और पुरुष एक-दूसरे के पूरक हैं। सावन में कई विवाहित महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करके अच्छे दांपत्य जीवन की कामना करती हैं।
भैरव: रक्षक और दंडाधिकारी
भैरव शिव का रौद्र रूप है, जो बुराई का नाश करता है। इस रूप की पूजा करने से नेगेटिविटी दूर होती है। सावन में कई जगहों पर काल भैरव की विशेष पूजा होती है, ताकि जीवन से डर और दुख मिट जाए।
पशुपतिनाथ: हर जीव के स्वामी
इस रूप में शिव सभी प्राणियों के मालिक होते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमें सभी जीवों से प्रेम करना चाहिए। सावन में गाय, कुत्ते और पक्षियों को दाना-पानी देना भी शिव की कृपा पाने का तरीका है।
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