Home > धर्म > Sarva Pitru Amavasya 2025 के दिन इन 5 जगह पर जलाए दीपक, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद और मां लक्ष्मी की कृपा से नहीं होगी धन की कमी

Sarva Pitru Amavasya 2025 के दिन इन 5 जगह पर जलाए दीपक, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद और मां लक्ष्मी की कृपा से नहीं होगी धन की कमी

Sarva Pitru Amavasya 2025: पितृ पक्ष के आखिरी दिन सर्व पितृ अमावस्या होती है और इस दिन पितरों का श्राद्ध करने के लिए आखिरी दिन होता है, श्राद्ध के अलावा इस दिन कुछ खास जगहों पर दीपक जलाया जाता है, ऐसा करने से पितरों के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी खुश होती है और अपनी कृपा बरसाती है, तो चलिए जानते हैं कब है सर्व पितृ अमावस्या और कहा जलाना होता दीपक.

By: chhaya sharma | Published: September 17, 2025 4:41:50 PM IST



When Is Sarva Pitru Amavasya In 2025: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से अमावस्या तक पूरे 15 दिनों तक पितृ पक्ष होता है और इस दौरान मृत पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से पितृ को तृप्त और मोक्ष मिलता. पितृ पक्ष की अमावस्या सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है और पितरों का श्राद्ध करने के लिए ये आखिरी दिन होता है

कब है सर्व पितृ अमावस्या?

हिंदू पंचाग के अनुसार पितृ पक्ष का आखिरी दिन 21 सितंबर 2025 को है और इस दिन ही सर्व पितृ अमावस्या भी है. सर्व पितृ अमावस्या बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन सभी उन पूर्वजों का श्राद्ध कर सकते हैं, जिनकी मृत्यु तिथि का पता नहीं होता है. अमावस्या के दिन पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए दान और श्राद्ध के अलावा कुछ खास जगहों पर दीपक भी जरुर जलाना चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है, वो जाते-जाते खुशहाली और तरक्की का आशीर्वाद देते हैं, साथ ही माता लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती है और घर आकर वास करती है, तो चलिए जानते हैं कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन किन-किन जगहों पर दीपक जलाना चाहिए.

सर्व पितृ अमावस्या के दिन किन-किन जगहों पर जलाएं दीपक

पूर्वज लौटेंगे लोक –  सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितरों का धूप-ध्यान करने के बाद शाम के समय किसी  तालाब या सरोवर किनारे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर जल में छोड़ देना  चाहिए और ध्यान रहे दीपक का मुख दक्षिण दिशा में होना चाहिए. कहा जाता है कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन  सूर्यास्त के बाद पितर अपने लोक लौट जाते हैं और दीपक की रोशनी उनके राह में उजाला दिखाने का काम करती है. 

नहीं होगी सुख की कोई कमी – अगर कोई भी किसी भी कारण से पितरों का श्राद्ध नहीं कर पाया, तो  सर्व पितृ अमावस्या के दिन किया जा सकता है और इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक भी जरूरी होता है और इस दौरान अगर आप ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि. तन्नो पितृ प्रचोदयात्॥ के मंत्र का जाप करते है, तो ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांती मिलती है और पितरों के आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि कोई कमी नहीं आती.

सर्व पितृ अमावस्या के दिन लक्ष्मी जी के लिए कहां जलाएं दीपक

बरकत के लिए- सर्व पितृ अमावस्या के दिन, पितरों के साथ-साथ मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जला सकता हैं और साथ ही विष्णु जी के मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं. ऐसा करने से धन का आगमन बढ़ता और व्यापार और नौकरी में तरक्की के रास्ते खुलते हैं.

घर में होगा लक्ष्मी जी का प्रवेश – वहीं  प्रदोष काल के दौरान घर के मुख्य द्वार  घी का दीपक बाईं ओर और तेल का दीपक दाहिनी  जलना चाहिए, ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है और ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और घर सुख-समृद्धि का वास होता है.   

लक्ष्मी जी की कृपा के लिए- इसके अलावा सर्व पितृ अमावस्या के दिन  घर के ईशान कोण में उत्‍तर-पूर्व कोने में  शुद्ध देसी घी का दीपक जलाना चाहिए, ऐसा करने से लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है और अन्न के भंडार कभी खाली नहीं और पैसों की कोई कमी नहीं होता और पूराना कोई कर्जा नहीं रहता.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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