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Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन पर घर ले आएं ये एक चीज, राखी बांधने से पहले इन बातों का रखें खास ख्याल, मां लक्ष्मी कर देंगी धन की वर्षा!

Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन सिर्फ राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बहन की दुआएं, भाई का वचन और परिवार की एकता की भावना छिपी होती है। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा। अब जानते हैं कि राखी बांधने का सही तरीका और इस त्योहार का महत्व क्या है।

By: Shraddha Pandey | Last Updated: August 4, 2025 3:54:02 PM IST



Raksha Bandhan 2025 Shubh Muhurat: रक्षाबंधन एक ऐसा त्योहार है जो भाई और बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है। ये प्यार भरा त्योहार भाई की कलाई पर सालों दिखता है। बहन की रक्षा की कसम खाने वाले भाई के लिए भी ये बेहद खास पल होता है। वैसे तो किसी रिश्ते को मजबूत करने के लिए किसी बंधन की जरूरत नहीं, लेकिन राखी का बंधन अपने आप में बेहद पवित्र माना जाता है। बहनें साल भर इस पर्व का बेसब्री के साथ इंतजार करती हैं। 

भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन, जो हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ये पर्व सिर्फ राखी बांधने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें बहन की दुआएं, भाई का वचन और परिवार की एकता की भावना छिपी होती है। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025, शनिवार को मनाया जाएगा।

इस दिन मनाएंगे रक्षाबंधन

पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व 9 अगस्त को सुबह 10:45 बजे से शाम 07:25 बजे तक राखी बांधने के लिए शुभ माना गया है। इस दिन भद्रा काल सुबह समाप्त हो चुका होगा, इसलिए बहनें पूरे दिन भाई को राखी बांध सकती हैं। रक्षा सूत्र बांधने का सर्वोत्तम समय दोपहर 01:30 से 04:30 बजे के बीच रहेगा।

घर ले आएं ये चीज 

भारतीय संस्कृति में शंख का काफी ज्यादा महत्व होता है। यह माता लक्ष्मी का अत्यंत प्रिय माना जाता है, इसे घर में लाने से आपको काफी लाभ होगा। साथ ही घर में धन से जुड़ी सभी परेशानी खत्म हो जाएगी।

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रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है। यह पर्व समाज में प्रेम, सुरक्षा, विश्वास और कर्तव्य की भावना को मजबूत करता है। राखी बांधना सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और रक्षा का प्रतीक है। इसे सही विधि से करना शुभ माना जाता है। 

रक्षाबंधन पर राखी बांधने की सही विधि

1. पूजन की थाली तैयार करें:

-एक थाली में रोली, अक्षत (चावल), राखी, दीपक (दीया), मिठाई और नारियल रखें।
-दीपक जलाएं और भगवान गणेश व श्रीकृष्ण का ध्यान करें।

2. भाई को बैठाएं:

-भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठाएं।
-यह दिशा शुभ मानी जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

3. तिलक लगाएं:

-भाई के माथे पर रोली और चावल से तिलक लगाएं।
-तिलक करते समय भाई की लंबी उम्र और सफलता की कामना करें।

4. आरती उतारें:

-भाई की दीपक से आरती उतारें और रक्षा व खुशहाली की प्रार्थना करें।

5. राखी बांधें:

-भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें, क्योंकि दाहिना हाथ शुभ माना जाता है।
-राखी बांधते समय यह मंत्र बोलना शुभ माना जाता है।

“ॐ येन बद्धो बलिराजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।”

इसका अर्थ है: जिससे महान बलशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी सूत्र से मैं तुम्हें बांधती हूँ, यह रक्षा-सूत्र तुम्हारी रक्षा करे।

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6- मिठाई खिलाएं: 

राखी बांधने के बाद बहनें अपने भाई को मिठाई या उनकी पसंद का कुछ खिलाती हैं। और फिर भाई अपनी बहनों को वही मीठा खिलाते हैं।

7- आशीर्वाद और गिफ्ट

आखिर में बहनें सारी विधि करके अपने भाई का आशीर्वाद लेती हैं। और उनकी लंबी उम्र की रखा करती हैं। वहीं, भाई भी पूरी जिंदगी अपनी बहनों की रक्षा करने की कसम खाते हैं और उन्हें कुछ गिफ्ट देते हैं।

Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। 

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