Premanand Maharaj Pravachan: वृंदावन की शांत गलियों में बैठे प्रेमानंद महाराज के शब्द आज दुनिया भर पहुंच रहे हैं. उनके प्रवचन सिर्फ भक्ति नहीं, बल्कि जीवन के गहरे सत्य को उजागर करने वाली मानी जाती है. उनके वीडियो अक्सर वायरल होते हैं. हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने ऐसी बात कही कि लाखों लोग सोच में पड़ गए क्योंकि उन्होंने इंसान की सबसे बड़ी गलती और जीवन की सबसे महंगी चीज़ का ज़िक्र किया है. आपको भी ये बात सोचने पर मजबूर कर देगी और शायद आपके पास भी अभी इसका जवाब ना हो. प्रेमानंद महाराज ने बताया कि वह एक चीज़ इतनी अनमोल है कि चाहे कोई अपनी पूरी कमाई, घर-बार, यहां तक कि जमा-जमाई संपत्ति भी बेच दे, फिर भी उसे नहीं खरीद सकता है.
आख़िर वो चीज़ क्या है, और महाराज इसे जीवन की सबसे बड़ी पूँजी क्यों मानते हैं? आइए समझते हैं इस गूढ़ संदेश को…
वो चीज जो किसी भी संपत्ति से नहीं खरीदी जा सकती
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि भगवान को पाने का एकमात्र रास्ता जाप है. जो लोग जाप के ज़रिए भगवान के प्रति समर्पित हो जाते हैं, उन्हें मोक्ष ज़रूर मिलता है. वृंदावन में लोगों को संबोधित करते हुए प्रेमानंद ने कहा, “इंसान की साँसें बहुत कीमती हैं। अगर कोई 50 साल की उम्र तक कमाया हुआ सारा पैसा, घर, प्रॉपर्टी वगैरह बेच भी दे, तो भी वह एक साँस भी नहीं खरीद पाएगा. इसलिए, मैं सभी से रिक्वेस्ट करता हूँ कि हर साँस के साथ राधा का नाम जपें. इसमें कोई मेहनत नहीं लगती. इसमें एक भी रुपया खर्च नहीं होता.” उन्होंने कहा कि राधा का नाम जपने से आपको परम कल्याण मिलेगा. अगर किसी वजह से आपको राधा नाम पसंद नहीं है तो आप अपनी इच्छा के अनुसार राम, कृष्ण, हरि या किसी अन्य देवी-देवता का नाम ले सकते हैं. जो लोग भगवान का नाम लेकर आगे बढ़ते हैं, उनका जीवन सार्थक हो जाता है.
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मृत्यु के बाद सब कुछ यहीं छूट जाएगा: प्रेमानंद प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि शरीर छोड़ने के बाद इंसान अपने साथ कुछ भी नहीं ले जाता. सांस छूटते ही शरीर, घर, पत्नी, बेटा, परिवार और हर भौतिक सुख-सुविधा यहीं रह जाती है. इसके बाद इंसान अपने पाप-पुण्य के हिसाब से पशु, पक्षी या किसी और योनि में जन्म लेता है. वह पुनर्जन्म कहां और किस योनि में होगा, यह कोई नहीं जानता. इसलिए हर सांस के साथ भगवान का नाम याद करते रहें. दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जिन्होंने राधा नाम अपनाकर बुरे आचरण को त्याग दिया है.
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