Premanand Maharaj: अगर आप उन लोगों में से हैं जो खूब पूजा-पाठ करते हैं पर फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिलती है. ऐसे ही एक सवाल प्रेमानंद महाराज से एकांतिक वार्तालाप में एक व्यक्ति ने पूछा। उन्होंने महाराज जी से कहा कि कुछ लोग तो पूजा-पाठ भी नहीं करते फिर भी इतने सफल क्यों हैं? इसका जवाब प्रेमानंद महाराज जी ने कुछ इस तरह से दिया…
महाराज जी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि बिना पूजा-पाठ के कुछ लोग सफल हो जाते हैं. इसका कारण है प्रारब्ध यानी हमारे पिछले जन्मों के कर्मों का फल. हर व्यक्ति अपने पुराने कर्मों का फल भोगता है. कुछ लोग भले ही आज गलत काम करते हो, पर अगर आपको पिछले कर्म अच्छे हैं तो आपकी किस्मत हमेशा अच्छी रहती है. जब उनके पुराने बुरे कर्मों का समय आएगा, तब उन्हें भी उसका परिणाम मिलेगा.
महाराज जी आगे कहते हैं कि इसी के उल्टा कुछ अच्छे और धार्मिक लोग, नाम जप करने वाले लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वे आज पुण्य कर रहे होते हैं, लेकिन उनके पिछले बुरे कर्मों का प्रारब्ध उन्हें रोक रहा होता है. ऐसे समय में उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि एक दिन जब प्रारब्ध खत्म हो जाएगा. तो उनके अच्छे कर्मों का फल उन्हें मिलेगा.
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प्रेमानंद जी समझाते हैं कि जीवन में बार-बार असफलता मिले, नौकरी न मिले, काम बिगड़ जाए तो यह मानकर बैठ जाना गलत है. अगर एक रास्ता बंद हो जाए तो दूसरा अपनाना चाहिए. पढ़ाई से काम न चले तो छोटा व्यापार करो, मजदूरी करो, रिक्शा चलाओ. यह सब इज्जत का काम है. मेहनती आदमी, चाहे छोटे काम से शुरू करे, धीरे-धीरे आगे बढ़ता है. सफलता सिर्फ बड़ी नौकरी से नहीं मिलती, बल्कि ईमानदारी और प्रयास से मिलती है.