Pemanand Maharaj: हमारे समाज में कई लोक मान्यताएं हैं, जिनमें से एक यह है कि अगर आप कोई कार्य करने जा रहे हैं और बिल्ली आपका रास्ता काट दे, तो वह कार्य बिगड़ जाता है. खासकर हिंदू धर्म में इसे अलक्ष्मी और राहु से जोड़ा जाता है. इसलिए कई लोग इसे अपशकुन मानते हैं. लेकिन क्या यह सच है? प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में अपने प्रवचन में इस बारे में बहुत ही सरलता से बताया. उन्होंने बताया कि बिल्ली का रास्ता काटना, छींक आना या बुरी नज़र लगना जैसी बातें क्यों व्यर्थ हैं. आइए जानें प्रेमानंद महाराज ने इस विषय पर क्या कहा.
क्या बिल्ली का रास्ता काटना अपशकुन है?
अक्सर देखा जाता है कि लोग किसी जरूरी काम से जा रहे होते हैं और अचानक कोई बिल्ली उनका रास्ता काट देती है, जिससे वे रुक जाते हैं या वापस लौट जाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इससे नुकसान हो सकता है. ये मान्यताएं पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं और लोग इन्हें सच मानकर इनसे डरते हैं. हालांकि, प्रेमानंद महाराज का दृष्टिकोण बिल्कुल अलग है. अपने एक प्रवचन के दौरान, प्रेमानंद महाराज ने कहा कि वे इन मान्यताओं पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करते. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बिल्ली उनका रास्ता काटती है या कोई छींकता है. उन्होंने मज़ाक में कहा कि अगर कोई अपने सामने से 100-200 बिल्लियां भी हटाना चाहे, तो भी कुछ बुरा नहीं होगा. ये सब बेकार की बातें हैं जिनका कोई तर्क नहीं है.
खाली बाल्टी और बुरी नजर भी बेकार
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि लोग कहते हैं कि अगर कोई खाली बाल्टी ले जाता हुआ दिखाई दे, तो उसके काम में बाधा आती है. लेकिन यह पूरी तरह से झूठ है. इसी तरह, उन्होंने बुरी नजर की धारणा को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि जब ईश्वर की दृष्टि हम पर है, तो किसी और की बुरी नज़र हमें कैसे नुकसान पहुँचा सकती है?
ईश्वर का नाम लेने से केवल कल्याण ही होता है
प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि ईश्वर के नाम में ही सच्ची शक्ति निहित है. यदि कोई व्यक्ति ईश्वर का स्मरण करते हुए घर से निकलता है, तो कोई भी बुराई उसे छू नहीं सकती. उन्होंने कहा, “मंगल भवन अमंगल हारी,” ईश्वर स्वयं सभी बुराइयों का नाश करने वाले हैं. यदि ईश्वर दयालु हैं, तो कोई छींक या बिल्ली किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकती.
ईश्वर के भक्तों का कोई अनिष्ट नहीं
उन्होंने कहा कि अनिष्ट केवल उन्हीं के साथ होता है जो ईश्वर को भूल जाते हैं. जो निरंतर ईश्वर का नाम जपते रहते हैं, उनके साथ कभी कुछ बुरा नहीं होता. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी कार्य के लिए निकलने से पहले ईश्वर का नाम लें और निडर होकर अपने कार्य में लग जाएं. यदि कोई कहे कि ईश्वर का नाम जपने के बाद भी अनिष्ट हुआ है, तो उन्हें आकर बताना चाहिए.