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Premanand Maharaj: रील्स स्क्रॉल करना नहीं छोड़ पा रहे? प्रेमानंद महाराज ने बताया मन को शांत करने का आसान तरीका

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मोबाइल फोन का उपयोग करना गलत नहीं है, लेकिन उस पर कंट्रोल रखना जरूरी है. जो भी देखना हो, उसे बंद कर दो. संयम और आत्म-नियंत्रण ही आपके मन को भटकने से रोकता है.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: November 7, 2025 4:32:24 PM IST



Premanand Maharaj: आजकल प्रवचन या सत्संग सुनने के बहाने मोबाइल फोन पर रील देखने की आदत आम होती जा रही है. कई लोग कहते हैं कि वे प्रवचन या सत्संग सुनने के लिए मोबाइल फोन उठाते हैं, लेकिन कुछ ही देर में उनका ध्यान भटक जाता है और वे रील, वीडियो या अन्य बेकार चीजों में खो जाते हैं. इस आदत से परेशान एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से सलाह ली. महाराज ने कहा कि मोबाइल फोन रखना बुरा नहीं है, लेकिन उस पर नियंत्रण रखना जरूरी है.उन्होंने कहा कि जब भी आप अपना मोबाइल फोन उठाएं, तो पहले तय करें कि आप क्या देखना चाहते हैं. अगर आप सत्संग सुनना चाहते हैं, तो सिर्फ वही सुनें और जैसे ही वह खत्म हो, तुरंत अपना मोबाइल फोन बंद कर दें. स्क्रीन पर लगातार नजर न रखें, क्योंकि इससे मन विचलित होता है.

आत्मसंयम ही सबसे बड़ा उपाय है

महाराज जी ने समझाया कि आत्मसंयम ही सबसे बड़ा उपाय है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति में अपने मन को नियंत्रित करने की शक्ति होती है. बस थोड़े से साहस और दृढ़ संकल्प की ज़रूरत है. अगर हम सिर्फ़ सकारात्मक, ज्ञानवर्धक और आध्यात्मिक विषय-वस्तु देखने का निश्चय कर लें, तो हमारा मन धीरे-धीरे उसी दिशा में उन्मुख हो जाएगा.

अपनी एकाग्रता भंग न होने दें

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि अपने मोबाइल फोन को अपने ऊपर हावी न होने दें. ज़रूरत पड़ने पर तुरंत फोन बंद कर दें, और हो सके तो मन की शांति पाने के लिए उसे बंद कर दें. आत्मसंयम का अभ्यास करके ही जीवन में संतुलन पाया जा सकता है. नियंत्रण के बिना, मोबाइल फोन न सिर्फ समय की बर्बादी करता है, बल्कि मन की पवित्रता और एकाग्रता को भी भंग करता है.

सच्चे सत्संग के लक्षण

अंत में, उन्होंने कहा कि यदि आपके हृदय में ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति है, तो इसका प्रमाण केवल सत्संग सुनना नहीं, बल्कि उसमें बताए गए मार्ग पर चलना है. संयम, आत्म-नियंत्रण और आत्म-विकास सच्चे सत्संग के लक्षण हैं. यदि हम इन सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाएं, तो न केवल मोबाइल का दुरुपयोग रुकेगा, बल्कि हमारा मन भी शांति और आनंद से भर जाएगा.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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