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Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज से जानते हैं कि जीवन में खुशी कैसे मिलती है?

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के अनमोल वचन लोगों को उनके जीवन के प्रेरित करते हैं. नाम जप, भगवान की सेवा, माता-पिता की सेवा करना ही परम सेवा है. जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज से जीवन में खुशी कैसे प्राप्त होती है.

Published by Tavishi Kalra

Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय को मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.

भक्त के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया की खुशी क्या होती है और यह कैसे मिलती है. जानें प्रेमानंद जी के अनमोल विचार.

आप जो कुछ भी चाहते हैं वो किसी और के पास है लेकिन वो भी अपने जीवन में खुश नहीं है अगर उससे मिला जाए तो वो बताएगा. एक दिन प्रेमनांद जी महाराज से किसी ने प्रश्न किया की सुख किसे कहते हैं और दुख किसे कहते हैं तो प्रेमानंद जी ने बताया मुर्खता को दुख कहते हैं और ज्ञान, विवेक को सुख कहते हैं. अगर आपके पास विवेक है ज्ञान है और आप संतुष्ट हैं तो आप महान है.

जिनके पास वस्तु नहीं है उनको देखकर हम झुकते हैं, तो आप कुछ इशारा समझें, जो दिगांबर है वो नंग है एक वस्त्र नहीं है उनके शरीर पर, उनको देखकर हमारे हाथ जुड़ जाते हैं और हम झुककर उनको प्रणाम करते हैं, खुश हो जाएंगे, वो कितना खुश होते हैं, खुशी पैसे से नहीं, वैभव से नहीं, सुंदर स्त्री से नहीं, परिवार से नहीं, सुंदर भगवान से हुआ जाता है.

“ब्रह्म भूता प्रसन्न आत्मा” श्रीमद्भगवद्गीता के 18वें अध्याय के 54वें श्लोक का एक महत्वपूर्ण वाक्यांश है, जिसका अर्थ है “ब्रह्म को प्राप्त हुआ, आनंदित आत्मा”  रहते हैं. कोई कितना भी बड़ा धनी हो, आप भगवान से जुड़ कर देंखे तो आप आनंद प्राप्त करेंगे.

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जैसे मछली सुखी हो जाती है जब उसे समुद्र मिल जाता है,ऐसे ही जीवन सुखी हो जाती ह जब उसे भगवान की शरण मिल जाती है. सच्ची खुशी चाहते हैं तो नाम जप करें, नेगेटिव बातें अपने मन से निकाल दें. पॉजीटिव में खुशी है, नेगेटिन विचार हमे जलाते रहते हैं. आप सुंदर शरीर में भी खुश नहीं है, खाना मिलता है उसमें भी खुश नहीं है, भगवान का नाम जप करें, सत्संग करें, आपको जीवन में सब कुछ, हर तरह की खुशी मिल जाएगी.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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