Dandiya and Garba: हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है. नवरात्रि के पर्व में नौ दिन देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का पर्व पूरे देश में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि का त्योहार सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है इसका सांस्कृतिक पहलू भी है. नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेला जाता है यह नवरात्रि में खेली जाने वाली महत्वपूर्ण नृत्य शैलियां हैं.जो इस पर्व को संपूर्णता और उल्लास प्रदान करती हैं.गरबा और डांडिया के बिना नवरात्रि का पर्व अधूरा रहता है.जानते हैं नवरात्रि में डांडिया और गरबा का महत्व.
क्यों खेला जाता है गरबा और डांडिया, क्या है इसका महत्व?
गरबा का अर्थ है “गर्भ” या “अंदर का दीपक”. यह देवी शक्ति की अराधना का प्रतीक है. नवरात्रि के नौ दिनों में लोग मिट्टी के एक मटके में दीपक जलाते है जिसे “गरबी” कहा जाता है. इस मटके को मां दुर्गा की शक्ति और उर्जा के रूप में जाना जाता है और इसके चारों ओर लोग गरबा नृत्य करते हैं. गरबा नृत्य करते समय लोग चारों तरफ गोल घेरा बनाकर मां की भक्ति में लीन होकर हर्षोल्लास के साथ नृत्य करते हैं. यह जीवन चक्र और देवी दुर्गा की अनंत शक्ति का प्रतीक माना जाता है.गरबा नृत्य मां दुर्गा की स्तुति में गाए जाने वाले लोकप्रिय गीतों पर किया जाता है.
गरबा एक पारंपरिक नृत्य है इसकी परंपरा गुजरात में सबसे ज्यादा है पर धीरे-धीरे हर शहर और राज्य में गरबा नृत्य लोकप्रिय हो गया है. यह नृत्य भक्तों की मां दुर्गा पर अटूट विश्वास और आस्था को दर्शाता है.यह नृत्य उर्जा से भरपूर होता है तभी यह शक्ति और उर्जा का प्रतीक भी माना जाता है. गरबा मां दुर्गा की अराधना, आस्था, विश्वास का प्रतीक है.यह नृत्य देवी के गर्भ में छिपी हुई उर्जा और शक्ति को प्रकट करता है. गरबा का गोल घेरा ब्रह्मांड के निरंतर चलने वाले चक्र का प्रतीक है. जहां जीवन और मृत्यु एक चक्र में बंधे होते हैं.गरबा नृत्य देवी की अराधना के साथ-साथ उनकी उर्जा का प्रतीक है.
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क्या होता है डांडिया?
डांडिया नृत्य में पुरुष और महिलाएं लकड़ी की छड़ियों का उपयोग करके एक दूसरे के साथ खेला जाता है. यह देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच हुई लड़ाई का प्रतीक है. डांडिया नृत्य के दौरन खेली जाने वाली छड़ियां मां दुर्गा की तलवार का प्रतीक माना गया है, जो बुराई का विनाश करता है.