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Mokshada Ekadashi 2025: जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति पाने के लिए 1 दिसंबर को रखें मोक्षदा एकादशी का व्रत

Mokshada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में मोक्षदा एकादशी के व्रत को मोक्ष को प्राप्त करने वाली एकादशी माना गया है. इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.

By: Tavishi Kalra | Published: November 19, 2025 10:15:59 AM IST



Mokshada Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकदाशी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है. इस व्रत को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. साल 2025 में मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर, सोमवार को रखा जाएगा.

एकादशी का व्रत हर माह में 2 बार रखा जाता है. पहला कृष्ण पक्ष की एकदाशी तिथि को और दूसरा शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है.

मोक्षदा एकादशी 2025 तिथि (Mokshada Ekadashi 2025 Tithi)

  • इस दिन एकादशी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर 2025 को रात 9 बजकर 29 मिनट पर होगी.
  • वहीं एकादशी तिथि समाप्त 1 दिसंबर 2025 को शाम 7 बजकर 01 मिनट पर होगी.
  • मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर, 2025  सोमवार को रखा जाएगा.
  • मोक्षदा एकादशी व्रत का पारण 2 दिसंबर को किया जाएगा.

मोक्षदा एकादशी 2025 महत्व (Mokshada Ekadashi 2025 Importance)

यह एकादशी अनेक पापों को नष्ट करने वाली है. इस एकादशी का महत्व भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को बताया था. अर्जुन ने श्री कृष्ण से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के विषय में बताने को कहा. भगवान श्री कृष्ण ने बताया कि इस एकादशी व्रत के पुण्य के प्रभाव से नरक में गए हुये माता, पिता, पितरादि को स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

मोक्षदा एकादशी पर क्या करें (Mokshada Ekadashi Vrat Rituals) 

  • मार्गशीर्ष एकादशी के दिन सुबह उठकर व्रत का संकल्प लें.
  • इस दिन भगवान विष्णु का ध्यान करें और उनके मंत्र ”ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें.
  • इस दिन गीता जयंती के पर्व को भी मनाया जाता है, तो श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ अवश्य करें.
  • मार्गशीर्ष माह की एकादशी के दिन श्री दामोदर भगवान का धूप, दीप, नैवेद्य से पूजन किया जाता है.
  • व्रत का पारण अगले दिन करें.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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