Margashirsha Purnima 2025 Date: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि (Purnima Tithi) को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा बहुत पुण्य देने वाले तिथि मानी जाती है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर (Hindu Calender) के अनुसार वर्ष की नौवीं पूर्णिमा होती है. इस दिन को अत्यंत पावन माना गया है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन स्नान, दान, तप और व्रत का विशेष महत्व है. इस दिन को बहुत उत्तम माना गया है. भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं – “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, अर्थात् “मैं मासों में मार्गशीर्ष हूँ।” भगवान श्रीकृष्ण का यह कथन मार्गशीर्ष मास के आध्यात्मिक महत्व को प्रमाणित करता है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 तिथि (Margashirsha Purnima 2025 Tithi)
- मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 4 दिसंबर, 2025 को सुबह 8.37 मिनट पर होगी.
- मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि ता अंत 5 दिसंबर को सुबह 4.43 मिनट पर होगा.
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर, 2025 गुरुवार के दिन पड़ेगी
- पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 4.35 मिनट रहेगा.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा महत्व (Importance)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और उनके सत्यनारायण स्वरूप की पूजा करने की परम्परा है. इस दिन श्रद्धालु उपवास करते हैं, तथा सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करते हैं. इस दिन चन्द्र दर्शन और पूजन को भी महत्वपूर्ण माना जाता है.पूर्णिमा के दिन चन्द्रदेव अपने सम्पूर्ण रूप में प्रकाशित होते हैं. इसीलिए इस दिन चंद्र देव की उपासना से विशेष लाभ होता है. सभी पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में पूर्णिमा तिथि के महत्व को विशेष बताया गया है. पूर्णिमा के व्रत को कल्याणकारी, पापों से मुक्ति दिलाने वाली और पुण्य में वृद्धि करने वाली माना गया है.
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