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Karwa Chauth 2025: करवाचौथ पर 16 श्रृंगार का क्या महत्व होता है, जानें यहां

Karwa Chauth 2025: करवाचौथ का त्योहार हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. मान्यता है कि सोलह श्रृंगार सौंदर्य बढ़ाने के साथ-साथ भाग्य में वृद्धि करता है और इससे करवा माता प्रसन्न होती हैं. तो आइए जानते हैं कि करवा चौथ का महत्व क्या होता है?

By: Shivi Bajpai | Last Updated: October 9, 2025 12:03:18 PM IST



Karwa Chauth Solah Shringar: करवाचौथ का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास होता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. ये त्योहार सुख-समृद्धि का प्रतीक है. इस व्रत को विधि-विधान से करने से महिलाओं को शुभ फल की प्राप्ति होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन 16 श्रृंगार करना चाहिए. ये अखंड सौभाग्य का प्रतीक है.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार करने से करवा माता प्रसन्न होती हैं और इस दिन व्रत रखने वाली महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होगा. ऋग्वेद के अनुसार, सोलह श्रृंगार महिलाओं का सौंदर्य बढ़ाने के साथ-साथ उनके भाग्य में भी वृद्धि करता है. पौराणिक मान्यता है कि सोलह श्रृंगार करने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन सुखद बना रहता है. साथ ही, इसे श्रद्धा और समर्पण का भी प्रतीक माना गया है और सोलह श्रृंगार करने से करवाचौथ का व्रत भी पूर्ण होता है.

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करवाचौथ के 16 श्रृंगार की लिस्ट:

1. सिंदूर
2. मेहंदी
3. बिंदी-सौभाग्य का प्रतीक
4. मंगलसूत्र
5. चूड़ियां
6. मांगटीका
7. काजल
8. आलता
9. नथ
10. पायल
11. बिछिया
12. झूमके
13. साड़ी/नए वस्त्र
14. कमरबंद
15. बाजूबंद
16. गजरा

इन सभी श्रृंगारों में सबसे महत्वपूर्ण है सिंदूर और मंगलसूत्र. ये दोनों ही चीजें सुहाग का प्रतीक हैं. ऐसे में करवाचौथ पर सिंदूर लगाना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. 

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