Home > धर्म > Karwa Chauth 2025: हर साल की तरह रखना चाहती हैं व्रत, मगर प्रेग्नेंसी कर रही कन्फ्यूज; तो अपनाएं ये टिप्स

Karwa Chauth 2025: हर साल की तरह रखना चाहती हैं व्रत, मगर प्रेग्नेंसी कर रही कन्फ्यूज; तो अपनाएं ये टिप्स

Karwa Chauth For Pregnant Ladies: अगर आपका भी मन कर रहा हर साल की तरह करवा चौथ का व्रत रखने का, तो ऐसा करने से पहले आपको कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए.

By: Shraddha Pandey | Published: October 8, 2025 8:15:30 PM IST



Karwa Chauth During Pregnancy: करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत हर भारतीय पत्नी के जीवन में खास जगह रखता है. सूरज निकलने से पहले उठकर सरगी करना, दिनभर भूखे रहना और चांद को देखकर व्रत खोलना, ये परंपरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि भावनाओं और प्यार से भी जुड़ी है. लेकिन, अगर आप प्रेग्नेंट हैं या गर्भधारण की योजना बना रही हैं, तो इस व्रत को लेकर कुछ सावधानियां जरूरी हैं.

व्रत के दौरान बिना भोजन और पानी के रहना शरीर पर असर डाल सकता है. फर्टिलिटी यानी बच्चे की योजना के लिए जरूरी है कि आपका शरीर हाइड्रेटेड और पोषण से भरपूर रहे. पानी की कमी से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है और जरूरी पोषक तत्व कम पड़ सकते हैं. लंबे समय तक भूखे रहने से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल बढ़ सकता है, जो अंडोत्सर्ग चक्र पर असर डालता है.

प्रेग्नेंसी में कितना सुरक्षित?

प्रेग्नेंसी में शरीर की पोषण जरूरतें बढ़ जाती हैं. बिना खाने-पीने के दिन बिताने से सिरदर्द, चक्कर, कमजोरी या पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ब्लड शुगर कम होने से बेहोशी का खतरा भी रहता है. इसी कारण कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन जैसी जरूरी चीजें न मिलना बच्चे के विकास पर असर डाल सकता है.

ऐसे रख सकती हैं व्रत

अगर आप व्रत रखना चाहती हैं, तो कुछ आसान उपाय हैं. सूर्योदय से पहले खूब पानी पिएं और हल्का, पोषण से भरपूर नाश्ता करें, जैसे दूध, फल, नट्स और अनाज. दिनभर भारी काम से बचें और व्रत खोलते समय धीरे-धीरे पानी और हल्का खाना लें.

अगर शरीर दे ये चेतावनी

यदि शरीर कोई चेतावनी दे, जैसे चक्कर, तेज थकान, पेट में ऐंठन या सिरदर्द, तो व्रत तुरंत तोड़ें. आप पूजा और रस्में पूरी श्रद्धा के साथ कर सकती हैं, भले ही व्रत पूरी तरह न रखें. परिवार का समर्थन इस समय बहुत काम आता है.

सबसे जरूरी बात

सबसे जरूरी है कि डॉक्टर से सलाह लें. हर शरीर अलग होता है और हर प्रेग्नेंसी की जरूरत अलग. परंपरा का सम्मान करें, लेकिन अपनी और बच्चे की सेहत को हमेशा प्राथमिकता दें. करवा चौथ का व्रत प्रेम और विश्वास का प्रतीक है, लेकिन संतुलन और देखभाल के साथ ही यह सबसे खास बनता है.

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