Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन दीपक जलाने और दीपदान का विशेष महत्व है. साल 2025 में 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन देव दीपावली का पर्व भी मनाया जाता है. देव दीपावली पर सारे देवी-देवता धरती पर आकर उत्सव मनाते हैं. इसलिए इसे देव दीपावली कहा जाता है. कार्तिक पूर्णिमा पर दीपक जलाने और दीपदान करने की परंपरा है. इस दिन कुछ लोग 365 बाती वाला दीया भी जलाते हैं. तो आइए जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती वाले दीपक क्यों जलाते हैं?
365 बाती का दीया
कार्तिक पूर्णिमा के दिन 365 बाती का दीपक जलाने का खास महत्व है, क्योंकि ये माना जाता है कि इससे पूरे साल के दीपदान का पुण्य मिलता है. यह दीपक कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को जलाया जाता है.
365 बाती का दीया कब और कहां जलाएं?
कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष रूप से देव दीपावली के शुभ मुहूर्त पर ही दीपक जलाना चाहिए. इस दीपक को घर के मंदिर, तुलसी के पौधे के पास, किसी पवित्र नदी के किनारे या भगवान शिव और विष्णु के मंदिर के पास जलाना चाहिए.
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365 बाती का दीया कैसे बनाएं और जलाएं?
- एक कटा हुआ नारियल, मिट्टी या पीतल का दीपक लें.
- फिर कुछ बत्तियां यानी कलावा (मोली) लें.
- 15 तार के धागे लें और 25 बार लपेटें, जिससे 375 बाती बनेंगी.
- इसमें से 10 कम करके 365 कर सकते हैं.
- बची हुई 10 बातियों को बची हुई 365 बातियों से बांध दें.
- इसके बाद दीपक में देसी घी या तिल का तेल डालें.
- बत्ती को दीपक में रखें और जलाएं.
- दीपक को रोली, चंदन, चावल आदि से सजाएं.
- जब दीपक पूरी तरह जल जाए, तो बचे हुए हिस्से को जल या भूमि में विसर्जित कर दें.