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Hindu Marriage: हिंदू धर्म में नई दुल्हन को शादी के एक साल बाद तक काले और सफेद कपड़े क्यों नहीं पहनने चाहिए?

Marriage: हिंदू धर्म में कई ऐसी मान्यताएं हैं जो विवाहित महिलाओं से जुड़ी हुई हैं. इन्ही में से एक मान्यता है सुहागिनों के काले या सफेद कपड़े पहनने की परंपरा. तो आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाओं को काले और सफेद कपड़े पहनना क्यों होता है वर्जित?

By: Shivi Bajpai | Last Updated: November 3, 2025 7:12:04 PM IST



Marriage Rituals: हिंदू धर्म में विवाह एक पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें दो व्यक्तियों का जीवन भर के लिए साथ जुड़ता है. विवाह के बाद, नई दुल्हन के लिए कई परंपराएं और नियम होते हैं, जिनका पालन करना आवश्यक माना जाता है. इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है नई दुल्हन का काले और सफेद रंग के कपड़े न पहनना.

काले और सफेद रंग का महत्व

हिंदू धर्म में काले और सफेद रंग को अशुभ माना जाता है. काला रंग शनि ग्रह से जुड़ा है, जो कि एक अशुभ ग्रह माना जाता है. शनि की नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए नई दुल्हन को काले रंग के कपड़े पहनने से मना किया जाता है. इसी तरह, सफेद रंग को भी अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह रंग शोक और विधवापन का प्रतीक है.

नई दुल्हन के लिए नियम

विवाह के बाद, नई दुल्हन को एक साल तक काले और सफेद रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इसके बजाय, उन्हें उजले और चमकीले रंगों के कपड़े पहनने चाहिए, जो कि सुख, समृद्धि और खुशी का प्रतीक हैं. इससे दुल्हन के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और उसके वैवाहिक जीवन में सुख और शांति बनी रहती है.

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वैज्ञानिक महत्व

इसके अलावा, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखा जाए, तो काले और सफेद रंग के कपड़े पहनने से दुल्हन के शरीर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ सकता है. काला रंग गर्मी को आकर्षित करता है, जिससे दुल्हन को गर्मी और तनाव का अनुभव हो सकता है. इसी तरह, सफेद रंग शीतलता का प्रतीक है, लेकिन दुल्हन के लिए यह रंग अशुभ माना जाता है. हिंदू धर्म में नई दुल्हन के लिए काले और सफेद रंग के कपड़े न पहनने का नियम एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो कि दुल्हन के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशी का प्रतीक है. इस नियम का पालन करके, दुल्हन अपने वैवाहिक जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकती है और अपने जीवन को सुखमय बना सकती है.

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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