Govardhan Puja Ka Mehtav: हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था. ये त्योहार भगवान श्रीकृष्ण की सभी लीला को याद करते हुए मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण, गायों और गोवर्धन पूजा की जाती है. तो आइए विस्तार से जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
गोवर्धन पूजा कब है? (Govardhan Puja 2025 Kab Hai)
इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है. प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 22 अक्टूबर को शाम 8 बजकर 16 मिनट पर होगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 47 मिनट पर होगा.
गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें? (Govardhan Puja 2025 Par Kya Karein)
इस दिन घर के आंगन या मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनानी चाहिए. उसके बीच में श्री कृष्ण की स्थापना करनी चाहिए. इस दिन आप 56 भोग या अन्नकूट तैयार करें. इस दिन गाय की भी पूजा करनी चाहिए. साथ ही गाय को हरा चारा भी खिलाना चाहिए. गोवर्धन पर्वत की बनाई गई आकृति की सात बार परिक्रमा लगानी चाहिए.
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गोवर्धन पूजा पर क्या न करें? (Govardhan Puja 2025 Par Kya Na Karen)
गोवर्धन पूजा के दिन और इससे पहले आने वाली अमावस्या को तुलसी के पत्ते को नहीं तोड़ना चाहिए. इस दिन किसी भी पेड़-पौधे को नहीं काटना चाहिए. इस दिन तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए.