Ganga Jal Is Considered Pure: हिंदू धर्म में गंगा नदी को बहुत पवित्र माना जाता है. गंगा को माता की उपाधि दी गई है. गंगा नदी स्वर्ग से पृथ्वी पर आई है. जन्म से लेकर मृत्यु तक हर शुभ काम में गंगाजल का उपयोग किया जाता है. इसी बात से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि गंगाजल कितना पवित्र होता है. हिंदू धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि गंगाजल को छूने मात्र से ही आपका मन और आत्मा पवित्र हो जाती है. गंगाजल को घर में रखने के भी कुछ नियम हैं. तो आइए जानते हैं कि हिंदू धर्म में गंगाजल को इतना पावन क्यों माना गया है और इसे घर पर रखने के क्या नियम हैं?
गंगाजल को क्यों माना जाता है पवित्र?
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गंगा का उद्भव भगवान श्री विष्णु के चरणों से हुआ था, इसलिए इसे चरणामृत कहते हैं. गंगाजल व्यक्ति की शारीरिक शुद्धि के साथ-साथ मन और आत्मा को भी शुद्ध रखता है. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि गंगा जल का दर्शन, स्पर्श व्यक्ति के सभी पापों का नाश कर देता है.
धर्म ग्रंथों में ये बताया गया है कि गंगा जल का पानी यानी गंगाजल को घर में स्टोर करके रखने से वो कभी खराब नहीं होता है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो रिसर्च में पता चलता है कि गंगा के पानी में बैक्टीरिया को मारने का अद्भुत गुण होता है. गोमुख से निकलने वाला गंगाजल अनेक खनिजों और आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के तत्वों को अपने साथ लेकर निकलता है. यही वजह है कि ये कभी खराब नहीं होता. इसमें कीड़े भी नहीं पनपते हैं.
Vishnu Ji: भगवान विष्णु के कितने प्रकार हैं? जानें क्या है इनकी मान्यता
घर पर गंगाजल को रखने के नियम क्या हैं?
- गंगाजल हमेशा तांबे या पीतल के पात्र में ही रखना चाहिए.
- इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा यानी ईशान कोण में रखना चाहिए.
- गंगाजल को अंधेरे या गंदे स्थान पर भूलकर भी नहीं रखना चाहिए.
- इसे कभी भी अपवित्र हाथों से नहीं छूना चाहिए.
- प्लास्टिक के बर्तन में गंगाजल नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से इसके प्रभाव में कमी आती है.