गणेश चतुर्थी एक ऐसा पर्व है जिसे पूरे भारत में बेहद उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है यह त्योहार भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।हम आपको ये भी बता दे की गणेश चतुर्थी का महत्व सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों माना जाता हैं लेकिन अब यह पूरे भारत में लोकप्रिय हो गया है। गणेश चतुर्थी केवल एक दिन का नहीं बल्कि पूरे दस दिन तक चलने वाला उत्सव है, जिसकी तैयारियाँ लोग पहले से ही शुरू कर देते हैं। मूर्ति लाने से लेकर घर की सफाई, सजावट और पूजा की सामग्री इकट्ठा करने तक सब कुछ योजना के तहत किया जाता है।लेकिन कोई भी त्योहार मिठाइयों के बिना कैसे पूरा हो सकता है और गणेश चतुर्थी तो खुद “मोदक” से जुड़ी है, जो बप्पा को लिए सबसे प्रिय है। तो चलिए जानते हैं गणेश चतुर्थी के दिन बनने वाले अलग अलग मिठाइयो के बारे जो शुगर फ्री भी हो और डीएटीएस के पेशेंट के लिए भी अच्छा होता हैं।
पनीर मोदक डीएटीएस के पेशेंट लिए बिल्कुल परफेक्ट
पनीर मोदक एक मुलायम और स्वादिष्ट मिठाई है, जिसे खासतौर पर त्योहारों के समय बनाया जाता है। यह एक शुगर-फ्री मिठाई है, जिसे पनीर, मेवे, इलायची और प्राकृतिक मिठास के साथ तैयार किया जाता है। यह मिठाई डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए भी एक सुरक्षित और स्वादिष्ट विकल्प है।
गणेश चतुर्थी पर बनाए नारियल के लड्डू
गणेश चतुर्थी पर आप बेसन के या नारियल के लड्डू, दोनों ही बना सकते है । घी में भूना गया बेसन जब मीठा किया जाता है, तो उसका खुशबूदार और मुलायम स्वाद सबको अच्छे लगते हैं । ये लड्डू परिवार के हर सदस्य के बीच बांटे जाते हैं और प्रसाद के रूप में भी चढ़ाए जाते हैं।
दक्षिण भारतीय की खास मिठाइयो में से एक पायसम
पायसम दक्षिण भारतीय घरों की खास मिठाई है, जो गणेश चतुर्थी पर बड़े चाव से बनाई जाती है। यह चावल, दूध, गुड़ या शक्कर और इलायची के साथ पकाई जाती है। इसके ऊपर कटे हुए मेवे और केसर डाले जाते हैं, जो इसे बेहद खुशबूदार और स्वादिष्ट बनाते हैं। गरमागरम पायसम का स्वाद दिल को छू जाता है।
गणेश चतुर्थी पर बनाए केसरिया काजू कतली
केसर और काजू का मिलन इस मिठाई को बेहद खास बनाता है। काजू कतली को इसमें केसर मिलाकर उसे सुंदर सुनहरी रंग और खुशबू दी जाती है। गणेश चतुर्थी जैसे शुभ अवसरों पर यह मिठाई परिवार और दोस्तों के बीच बांटी जाती है।