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Sangotri Vivah: एक ही गोत्र में शादी करना कैसे बन सकता है आपके वैवाहिक जीवन में परेशानियों का कारण?

Sangotri Vivah: हिंदू धर्म में कुंडली का मिलान करके विवाह करने का महत्व है. गोत्र, नक्षत्र और दोष कई तरह की चीजों को देखकर ही शादी की जाती है. इसमें ही कई लोगों का सवाल आता है कि अगर गोत्र सेम हो तो क्या शादी हो सकती है? तो आइए जानते हैं कि सगोत्री विवाह करना कितना सही और कितना गलत है?

By: Shivi Bajpai | Published: October 30, 2025 2:39:32 PM IST



Sangotri Vivah Sahi Ya Galat: सगोत्रीय विवाह हिंदू धर्म में सही है या गलत. इसको लेकर कई लोगों के मन में सवाल होते हैं. हिंदू धर्म में कुंडली का मिलान करके विवाह कराने का खास महत्व होता है. पर इसमें कई चीजें देखी जाती हैं जैसे कि दोष, नक्षत्र और गोत्र. अगर आपका गोत्र सेम है तो क्या आप शादी कर सकते हैं इसको लेकर कई सवाल होते हैं. तो आइए जानते हैं कि ऐसा संभव है या नहीं?

सगोत्र या एक ही गोत्र होने का मतलब क्या होता है?

  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लड़का या लड़की का एक ही गोत्र होने का मतलब है कि उनके पूर्वज एक ही थे.
  • इस कारण की वजह से लड़का या लड़ी आपस में भाई बहन लगते हैं. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार सात पीढ़ियों के बाद गोत्र बदलता है.
  • एक ही गोत्र में शादी करने को लेकर कई तरह की कंफ्यूजन सामने आती है. 

एक ही गोत्र में शादी करने से क्यों बढ़ जाती हैं वैवाहिक जीवन में परेशानियां

सगोत्र विवाह करने से आपके दापंत्य जीवन में कई मुश्किलें आ सकती हैं. आपको संतान प्राप्ति में समस्या आ सकती है. गृह क्लेश की समस्या बढ़ सकती है. अगर आपकी संतान होती है तो उसका मानसिक विकास सामान्य रूप से होगा क्योंकि आप दोनों का गोत्र सेम है.

सगोत्रीय विवाह क्यों न करें, जानें इसका वैज्ञानिक कारण

  • एक ही गोत्र में शादी करने से कुछ अनुवांशिक समस्याएं भी आ सकती हैं.
  • आनुवंशिक बेमेल और संकर डीएनए संयोजनों के कारण रक्त संबंधियों के बीच विवाह करने से संतान पैदा होने में समस्याएं हो सकती हैं.
  • वैज्ञानिकों के मुताबिक, अलग-अलग जीने वाले व्यक्तियों के बीच विवाह होने से जेनेटिक विविधता बढ़ती हैं और संतान के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है. 

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इतनी परेशानियों के बाद भी क्या संभव है सगोत्रीय विवाह या नहीं?

आजकल के युग में प्रेम विवाह का चलन काफी बढ़ गया है. कुछ लोग तो  दूसरी जाति और धर्म में भी विवाह कर लेते हैं, जो बाद में परेशानियों का कारण बन सकता है. पर ऐसा करने से कई मुश्किले बढ़ सकती हैं. पर अगर आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं या शिष्टा संजोक ही ऐसा बन गया है कि आपको सगोत्रीय विवाह करना पड़ रहा है. तो इसके लिए कुछ उपाय हैं जिनका पालन करके सगोत्रीय विवाह संभव है.

  • अगर लड़की का कन्यादान उसके माता पिता की जगह कोई और रिश्तेदार कन्यादान कर सकते हैं.
  • आर्य समाज में भी आप शादी कर सकते हैं
  • किसी ब्राह्मण से धार्मिक अनुष्ठान करवाकर, उसी ब्राह्मण को दान देकर, उसका गोत्र अपनाया जा सकता.

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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