Mata Sita Brother Name : वाल्मीकि रामायण में माता सीता के बारे में कई बड़ी बातें कही गई हैं. इसमें बताया गया है कि सीता जी की तीन बहनें थीं – उर्मिला, मांडवी और श्रुतकीर्ति. ये सभी बहनें राजा जनक के परिवार से थीं और सीता जी के साथ उनका गहरा पारिवारिक रिश्ता था. हालांकि, इन बहनों की भूमिका रामायण की मुख्य कथा में ज्यादा दिखती नहीं है, लेकिन इनका जिक्र पारिवारिक पृष्ठभूमि को समझने में मदद करता है.
पर क्या आपने कभी सोचा है कि माता सीता का कोई भाई भी था या नहीं? वाल्मीकि रामायण में इसका कोई साफ जिक्र नहीं मिलता, लेकिन कुछ अन्य धार्मिक कथाओं और भाषाओं में लिखी रामायण में सीता जी के भाई का उल्लेख जरूर होता है.
कौन थे माता सीता के भाई?
कुछ कथाओं के अनुसार, मंगल देव को माता सीता का भाई माना गया है. ये माना जाता है कि सीता जी का जन्म धरती से हुआ था और मंगल देव भी धरती के ही पुत्र हैं. इस नाते दोनों भाई-बहन हुए. एक कथा के अनुसार, जब माता सीता का विवाह हो रहा था, तब विवाह की रस्मों के लिए पुरोहित ने उनके भाई को बुलाने को कहा. वहां कोई भाई नहीं था, तो मंगल देव ने खुद आगे आकर वह रस्म निभाई.
इसके अलावा, एक अन्य मान्यता के अनुसार, राजा जनक के छोटे भाई के पुत्र लक्ष्मीनिधि को भी माता सीता का भाई कहा गया है. हालांकि ये कथा उतनी फेमस नहीं है, लेकिन कुछ ग्रंथों में इसका उल्लेख जरूर मिलता है.
तिनके को बताया था अपना भाई
कवि कुमार विश्वास ने अपने एक फेमस वीडियो में एक सुंदर प्रसंग सुनाया है, जिसमें माता सीता ने रावण को करारा जवाब दिया था. जब रावण सीता माता को अपने प्रेम प्रस्ताव के लिए मनाने आया और धमकी दी कि अगर उन्होंने उसका प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया तो वो उन्हें बलपूर्वक उठा लेगा, तब माता सीता ने एक चटाई से एक तिनका उठाया.
सीता जी ने कहा, “मूर्ख! पहले इस तिनके को तो पार करके दिखा.” उन्होंने उस तिनके को अपनी ओट में रखा और उसे अपना भाई बताया. क्योंकि तिनका भी धरती से उत्पन्न हुआ था और माता सीता भी भूमिजा थीं – इस नाते वह तिनका उनका प्रतीकात्मक भाई बन गया.