Devthani Ekadashi Upay: हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है. पूरे साल में 24 एकादशी पड़ती हैं यानी की 1 महीने में 1 एकादशी होती है. इनमें से सबसे बड़ी एकादशी देवउठनी एकादशी है जो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ती है. इस एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और चातुर्मास समाप्त होता है. जिसके बाद विवाह समेत कई मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत हो जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा की जाती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पूजन और व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा का भी विधान है. देवउठनी एकादशी के अगले दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम स्वरूप से (वृंदा) तुलसी माता का विवाह कराया जाता है और तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है. देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी से जुड़े कुछ उपाय भी किए जाते हैं, तो आइए इन उपायों के बारे में जानते हैं.
देवउठनी एकादशी कब है? (Dev Uthani Ekadashi 2025 Kab Hai)
वैदिक पंचांग अनुसार देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है. इस बार ये तिथि 1 नवंबर को सुबह 9 बजकर 11 मिनट पर पड़ेगी और इसकी समाप्ति 2 नवंबर को सुबह 7 बजकर 31 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में देवउठनी एकादशी का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा.
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देवउठनी एकादशी पर तुलसी के ये उपाय करें
- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते या तुलसी दल का भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी माता की पूजा करनी चाहिए. उसके बाद उनके समक्ष दीपक जलाना चाहिए. फिर तुलसी की पांच से सात बार परिक्रमा करनी चाहिए.
- माता तुलसी के मंत्रों का उच्चारण भी करना चाहिए. ‘महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते’ और ‘तुलसी त्वं नमोनमः पापं हर हरिप्रिये’.
- माता तुलसी की चालीसा का भी पाठ करना चाहिए और उनका 16 श्रृंगार भी करना चाहिए. ऐसा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है.