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Chhath Puja 2025: छठ पूजा पर महिलाएं क्यों करती हैं सोलह श्रृंगार, जानें इसका क्या है महत्व?

Chhath Puja 2025: छठ का त्योहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. व्रतधारी महिलाएं इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं. तो आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह क्या है?

By: Shivi Bajpai | Published: October 25, 2025 7:11:03 AM IST



Chhath Puja 2025 Ka Mehtav: छठ पूजा हिन्दू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य देव और छठी मइया की उपासना के लिए मनाया जाता है. यह पर्व चार दिनों तक चलता है और इसमें विशेष रूप से महिलाएं कठिन व्रत रखती हैं. छठ पूजा में व्रतधारी महिलाएं न केवल अपनी आस्था और भक्ति दिखाती हैं, बल्कि पूरे विधि-विधान से सोलह श्रृंगार करती हैं. छठ पूजा में 16 श्रृंगार का विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है.

भारतीय परंपरा में सोलह श्रृंगार को स्त्री सौंदर्य, शुद्धता और समर्पण का प्रतीक माना गया है. ऐसा विश्वास है कि जब स्त्री पूर्ण श्रृंगार करती है, तो वह देवी स्वरूपा बन जाती है और उसका पूजन अधिक फलदायी होता है. छठ मइया की उपासना करते समय महिलाएं स्वयं को देवी का रूप मानकर सोलह श्रृंगार करती हैं ताकि वे पूजा में पूर्ण पवित्रता और श्रद्धा के साथ सम्मिलित हो सकें.

छठ पूजा में किए जाने वाले 16 श्रृंगार में सिंदूर, बिंदी, मांगटीका, काजल, कंघी, नथ, झुमका, मंगलसूत्र, चूड़ी, पायल, बिछिया, बिंदिया, गजरा, मेहंदी, आलता और साड़ी शामिल होते हैं. इन सभी का अपना-अपना महत्व होता है. जैसे सिंदूर और मंगलसूत्र वैवाहिक जीवन की पवित्रता का प्रतीक हैं, चूड़ियाँ और बिछिया सुहाग का चिन्ह हैं, वहीं मेहंदी और आलता स्त्री की सुंदरता को निखारते हैं. लाल या पीले रंग की साड़ी पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह रंग ऊर्जा, समृद्धि और सुख का प्रतीक हैं.

छठ पूजा में व्रतधारी महिलाएं सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जल में खड़ी होकर अर्घ्य देती हैं. ऐसा माना जाता है कि 16 श्रृंगार करने से उनका आत्मविश्वास और मानसिक शुद्धि बढ़ती है, जिससे वे पूजा के दौरान पूरी निष्ठा से ध्यान लगा पाती हैं. यह श्रृंगार न केवल बाहरी सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि आंतरिक शुद्धता और भक्ति का भी द्योतक है.

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सोलह श्रृंगार छठ पूजा की सांस्कृतिक पहचान बन चुका है. यह केवल सजने-संवरने की परंपरा नहीं, बल्कि एक भावनात्मक और धार्मिक अनुष्ठान है जो स्त्री की श्रद्धा, शक्ति और मातृत्व को दर्शाता है. इस प्रकार, छठ पूजा में 16 श्रृंगार करने का उद्देश्य सिर्फ सौंदर्य नहीं, बल्कि देवी छठी मइया के प्रति भक्ति, सम्मान और आत्मिक समर्पण का प्रतीक है.

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(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. इनखबर इस बात की पुष्टि नहीं करता है)

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