Bageshwar Dham: बागेश्वर धाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में गढ़ा गांव में बसा एक पवित्र आध्यात्मिक केंद्र है. यहां स्वयं प्रकट हुए हनुमान जी बालाजी महाराज के रूप में विराजमान हैं. लाखों लोग हर साल यहां आते हैं और दर्शन करते हैं, मन की शांति पाते हैं और अपनी परेशानियां दूर करने की प्रार्थना करते हैं. इस धाम के मुख्य संचालक पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी हैं, जिन्हें लोग प्यार से बागेश्वर धाम सरकार कहते हैं. वे अपने सरल प्रवचन और दिव्य दरबार के लिए पूरे देश में मशहूर हैं.
मंगलवार और शनिवार को धाम में भक्तों की लंबी कतारें
हर मंगलवार और शनिवार को धाम में भक्तों की लंबी कतारें लगती हैं. लोग दीप जलाते हैं पूजा करते हैं और बालाजी महाराज के सामने अपनी मनोकामना रखते हैं. भक्तों का विश्वास है कि सिर्फ दर्शन करने से ही आशीर्वाद मिल जाता है. धाम में मुफ्त भोजन की व्यवस्था भी है, जिसे अन्नपूर्णा भवन में परोसा जाता है. वहां ठहरने के लिए धर्मशाला भी उपलब्ध है.
क्या समस्या दिव्य दरबार में रखना चाहते हैं?
अब बात करते हैं टोकन पर्ची की,अगर आप धीरेंद्र शास्त्री जी से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं और अपनी समस्या दिव्य दरबार में रखना चाहते हैं, तो इसके लिए टोकन सिस्टम है. यह टोकन साल में सिर्फ 5 से 6 बार ही बांटे जाते हैं हर बार 2 से 3 महीने के अंतर पर तारीख तय होती है. ये तारीखें खुद शास्त्री जी तय करते हैं और धाम पर लाउडस्पीकर, सोशल मीडिया या वेबसाइट पर घोषणा की जाती है. टोकन पाने का तरीका बहुत आसान है लेकिन इसके लिए आपको खुद धाम आना पड़ता है.
कैसे धाम पहुंचें?
धाम पहुंचें – टोकन बंटने से 1-2 दिन पहले वहां पहुंच जाएं, क्योंकि भीड़ बहुत होती है.
स्लिप भरें – एक सादा कागज लें.
उसमें लिखें: अपना नाम, पिता का नाम, पूरा पता (गांव, शहर, जिला, राज्य, पिन कोड), मोबाइल नंबर (ये बहुत जरूरी है), अपनी समस्या का छोटा-सा विवरण
स्लिप जमा करें – धाम परिसर में एक खास पेटी (बॉक्स) रखी होती है. स्लिप मोड़कर उसमें डाल दें.
सीमित संख्या – हर बार सिर्फ 2500 से 3000 स्लिप ही ली जाती हैं. इसलिए जल्दी पहुंचना जरूरी है.
चयन कैसे होता है?
स्लिप जमा होने के बाद लॉटरी निकाली जाती है. जिनकी स्लिप चुनी जाती है, उन्हें टोकन मिलता है. चयनित लोगों को फोन कॉल किया जाता है या धाम की वेबसाइट/सोशल मीडिया पर सूची डाली जाती है. अगर कॉल नहीं आया, तो समझें इस बार चयन नहीं हुआ. अगली बार फिर कोशिश करें.
ध्यान रखने वाली बातें:
कोई पैसा नहीं लगता – टोकन पूरी तरह मुफ्त है और कोई पैसे मांगे तो धोखा समझें.
ऑनलाइन बुकिंग नहीं – सब कुछ ऑफलाइन है और सिर्फ धाम पर ही होता है.
रिश्तेदार जमा कर सकता है – अगर आप नहीं आ सकते, तो कोई अपना भेज सकता है.
इंतजार का समय – कॉल 1 हफ्ते में आ सकता है या 2-3 महीने भी लग सकते हैं.
यात्रा की तैयारी
नजदीकी रेलवे स्टेशन पर पहुचे छतरपुर या सतना, बस से भी आसानी से पहुंचा जा सकता है. धाम की आधिकारिक वेबसाइट पर कथा और कार्यक्रमों की तारीखें चेक करें. बागेश्वर धाम सिर्फ एक मंदिर नहीं बल्कि आस्था का जीवंत केंद्र है. यहां आने वाला हर व्यक्ति बालाजी महाराज की कृपा महसूस करता है. अगर आप जा रहे हैं तो मन शुद्ध रखें, विश्वास रखें और धैर्य बनाए रखें, बालाजी महाराज सबकी सुनते हैं.