Ahoi Ashtami Vrat Niyam: हिंदू धर्म में अहोई अष्टमी का व्रत बेहद महत्व रखता हैं, इस व्रत को संतान की रक्षा, लंबी आयु, स्वास्थ्य और सफलता के लिए के लिए माताओं द्वारा किया जाता हैं. कहा जाता हैं कि जो भी महिला अहोई अष्टमी के व्रत को पूरी श्रद्धा से करती है, उस महिला की संतान अहोई माता, जो पार्वती का ही रूप हैं, वो विशेष कृपा करती हैं और सुख-शांति, समृद्धि के साथ-साथ महिलाओं को संतान-सुख प्रदान करती हैं.
अहोई अष्टमी व्रत के नियम
शास्त्रों में अहोई अष्टमी का व्रत करने के लिए कुछ खास नियम भी बताए गए हैं, जिसके अनुसार व्रत करने से अहोई अष्टमी के व्रत का पूरा फल मिलता हैं. संतान को दीर्घायु और सफलता प्राप्त होती है. परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है. चलिए जानते हैं क्या हैं अहोई अष्टमी व्रत के नियम.
अहोई अष्टमी के दिन क्या करना चाहिए (What to do on Ahoi Ashtami 2025)
- अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए.
- इसके बाद सूबह की पूजा के साथ आज के अहोई अष्टमी व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- अहोई माता, भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं को व्रत का पूरा फल पाने के लिए अहोई अष्टमी की कथा अवश्य सुननी या पढ़नी चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन गरीबों को भोजन और वस्त्र का दान करना चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन माताओं को शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खालना चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन संतान के मंगल जीवन के लिए ‘ॐ अहोई माता नमः’ मंत्र का जाप करें.
अहोई अष्टमी के दिन क्या न करें (What not to do on Ahoi Ashtami 2025)
- अहोई अष्टमी के दिन माताओं और बच्चों को काले या गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन महिलाओं को घर में क्रोध, झगड़ा या नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन माताओं और बच्चों कोमांसाहार या नशे का सेवन नहीं करना चाहिए.
- अहोई अष्टमी के दिन बच्चों को अपनी माता का अपमान या उनसे वाद-विवाद नहीं करना चाहिए.
- अहोई अष्टमी व्रत के दिन झूठ बोलना और चुगली करना नहीं चाहिए.
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