Lunar eclipse Interesting facts: चंद्रग्रहण वह खगोलीय घटना है, जिसमें पूरी तरह से सूरज और चंद्रमा के बीच धरती आ जाती है। इस दौरान चंद्रमा को धरती पूरी तरह से ढक लेती है। इस दौरान यानी चंद्रग्रहण की स्थिति में चांद का रंग भी बदलकर लाल हो जाता है। चंद्रमा पर ग्रहण की स्थिति में धब्बे भी नजर आते हैं। खगोलशास्त्री इस तरह की बातों को नहीं मानते हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार, पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति में इसका असर राशियों पर अच्छा और बुरा पड़ता है। इस स्टोरी में हम बता रहे हैं- चंद्रग्रहण के बारे में 6 रोचक बातें।
1. हर महीने चंद्रग्रहण क्यों नहीं?
यहां पर यह जानना जरूरी है कि चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना हमेशा पूर्णिमा पर होती है। यहां पर यह जान लेना भी जरूरी है कि प्रत्येक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण क्यों नहीं होता? इसका उत्तर यह है कि चंद्रमा जिस तल पर धरती की परिक्रमा करता है। दरअसल, धरती के सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने के तल की तुलना में यह 5 डिग्री झुका हुआ होता है। इसे ही खगोलशास्त्री क्रांतिवृत्त कहते हैं। ऐसे में यह स्थिति कभी-कभी ही बन पाती है।
2. अजगर खा रहा चंद्रमा को!
चंद्रग्रहण को लेकर कई कथाएं हैं। ग्रहण कथाओं के मूल में जानकारी का अभाव है और अंधविश्वास भी। प्राचीन काल में चंद्रग्रहण एक भयावह घटना हुआ करती थी। ऐसे में कुछ लोगों का मानना था कि आकाश का एक अजगर चंद्रमा को खा रहा है। इतना ही नहीं अजगर चंद्रमा को खाने के दौरान खून से लथपथ भी कर रहा है और फिर उसे पूरी तरह निगल जाता है। ऐसा पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति में होता है।
3. चांद की चमक के पीछे सूर्य का हाथ
चांद कोई ग्रह नहीं है, बल्कि धरती का प्राकृतिक उपग्रह है। चंद्रमा धरती के चारों ओर परिक्रमा करता है। यह सूर्य का चक्कर नहीं लगाता है, इसलिए इसे ग्रह नहीं कहा जाता। चंद्रमा दरअसल, सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है। यही वजह कि यह रात के दौरान आकाश में सूर्य के बाद सबसे चमकीला खगोलीय पिंड होता है।
4.सूर्यग्रहण की तुलना में कम होते हैं चंद्रग्रहण
चंद्रग्रहण कम बार घटित होते हैं, लेकिन पूर्ण चंद्रग्रहण हर जगह दिखाई देता है। रात के समय यह घटना घटित होती है। सामान्य तौर पर धरती के आधे भाग में। लोग चंद्र ग्रहण नहीं देखते, क्योंकि ये सूर्य ग्रहण की तुलना में सामान्य होते हैं।
5. अजब-गजब मिथक
मिथकों का अंत मुश्किल से होता है। जापान में कुछ लोग आज भी ग्रहण के दौरान चंद्र रोग से होने वाले ज़हर से बचने के लिए कुंओं को ढंक देते हैं। आर्कटिक क्षेत्रों के मूल निवासी इससे बचने के लिए अपने बर्तनों को पलट देते हैं। कुछ संस्कृतियों में तो लोग ग्रहण के दौरान चंद्रमा पर चिल्लाते हैं, या बर्तन बजाते हैं या हवा में तीर चलाते हैं।
6. सिर्फ 25 मिनट का सूर्यग्रहण
खगोलविदों का कहना है कि कोई भी ग्रहण 3 घंटे 40 मिनट से ज़्यादा नहीं चल सकता। पूर्ण ग्रहण जब चंद्रमा पूरी तरह से छाया में डूब जाता है तो 1 घंटे 40 मिनट से अधिक नहीं चल सकता। 8 नवंबर 2003 को हुए सूर्यग्रहण की पूर्णता अवधि मात्र 25 मिनट ही थी।