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5 मंदिर.. जहां से नहीं लेकर जाना चाहिए प्रसाद घर! होता है बड़ा “अपशगुन”, रहस्य जान रह जाएंगी आखें फटी की फटी

भारत में कई सारे ऐसे रहस्यमयी मंदिर हैं, जो विचित्र कथाओं और अलौकिक घटनाओं के लिए जाने जाते हैं. ऐसे ही 5 मंदिर के बारे में हम यहां आपको बता रहे हैं, जहां का प्रसाद घर नहीं लाना चाहिएं , इसकी एक बेहद वजह भी हैं… चलिए जानते हैं यहां इन 5 मंदिरों के पीछे का रहस्य

By: chhaya sharma | Published: November 10, 2025 6:52:25 PM IST



These 5 Temples Prasad Should Not Be Eaten: भारत में मंदिरों की कोई कमी नहीं है, यहां कई ऐसे मंदिर है, जो अपनी विचित्र रहस्यमयी कथाओं और अलौकिक घटनाओं के लिए जाने जाते हैं. भक्त यहां दूर दूर से दर्शन करने आते हैं. मंदिरों में लोग जाते हैं, तो वहां का प्रसाद घर जरूर लाते है, क्योकि ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है. लेकिन यहां हम ऐसे 5 मंदिरों के बारे में बता रहे हैं. जहां का प्रसाद खाना छूना या फिर घर बेहद बड़ा अपशगुन माना जाता है. चलिए जानते हैं ऐसा क्यों है? और क्या है इन मंदिरों का प्रसाद घर ना लाने की वजह? 

राजस्थान में स्थित मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर (Mehandipur Balaji In Rajasthan) 

राजस्थान में हनुमान जी का बेहद पॉपुलर मंदिर है, मेहंदीपुर बालाजी, कहा जाता है कि  जो लोग बुरी और नकारात्मक शक्तियों से पीड़ित होते हैं, उन्हें इस चमतकारी मंदिर में जरूर दर्शन करने चाहिए. मेहंदीपुर बालाजी में दर्शन करने से सभी ऊपरी बलाएं खत्म हो जाती हैं. इस मंदिर में भगवान बालाजी को बूंदी के लड्डू का प्रसाद चढ़ाया जाता है, लेकिन यहां चढ़ाया हुआ प्रसाद कभी भी घर नहीं लाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार  इस मंदिर का प्रसाद घर लेना और ग्रहण करना बेहद अशुभ माना जाता है.

असम में मौजुद कामख्या देवी मंदिर (Kamakhya Devi Temple In Assam)

असम के गुवाहाटी में मौजुद कामख्या देवी मंदिर को सभी शक्ति पीठों में से सबसे शक्तिशाली माना जाता है. यहां मां कामख्या देवी की पूजा उनके मासिक धर्म के दौरान की जाती है. इसमें देवी की योनि की पूजा की जाती है और सृष्टि की शक्ति का सम्मान किया जाता है. कथाओं के अनुसार इस मंदिर में तंत्र साधना भी की जाती हैं यह एक गुप्त और मौखिक परंपरा है. इसलिए इस मिंदर का प्रसाद घर लाना, छूना और खाना मना होता हैं. अगर कोई ऐसा करता है, तो यह बड़ा अपशगुन माना जाता है. 

उज्जैन में काल भैरव मंदिर (Kal Bhairav ​​Temple In Ujjain)

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित काल भैरव मंदिर पूरे भारत में बेहद प्रसिद्ध है. इस मंदिर में भक्त काल भैरव को शराब चढ़ाने हैं, लेकिन गृहस्थों को इस प्रसाद का सेवन करने की अनुमती नहीं होती है, अगर कोई व्यक्ति इस नियम को तोड़ता बै, तो उसके जीवन में संकट आने लगते हैं. इस मंदिर में भक्तों के लिए सात्विक प्रसाद होता है जैसे जलेबी, खीर या हलवा आप उसे खा सकते हैं. 

 हिमाचल प्रदेश में नैना देवी मंदिर (Naina Devi Temple In Himachal Pradesh)

51 शक्तिपीठों में से एक हिमाचल में स्थित नैना देवी मंदिर दुनिया भर में मशहूर है. यहां भक्तों प्रसाद के रूप में दी जाने वाली कोई भी चीज सीर्फ देवी को अर्पित की जाती हैं.  नैना देवी मंदिर का प्रसाद घर पर ले जाना अशुभ माना जाता है, ऐसा करने से बाधाएं आपके जीवन में आने लगती हैं. 

कोटिलिंगेश्वर मंदिर, कर्नाटक (Kotilingeshwara Temple In Karnataka)

कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित कोटिलिंगेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है.  इस मंदिर में एक करोड़ शिवलिंगों की स्थापना है. यहां पूजा के बाद दिया गए प्रसाद को केवल  हाथ जोड़कर ग्रहण कर सकते हैं, लेकिन इसे खाना अशुभ माना जाता है. इस मंदिर में स्थित शिवलिंग के ऊपर से आया प्रसाद भूलकर भी नहीं खाना चाहिए, क्योंकि यहा बाटा गया प्रसाद चंडेश्वर को समर्पित माना जाता है. 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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