राहुल भारद्वाज की रिपोर्ट, Rajasthan News: लालसोट में तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच हुआ विवाद फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामले में तीन दिन गुजर जाने के बाद भी दोनों पक्षों में गतिरोध बरकरार है जहां दौसा जिले में दोनों ही पक्ष अपने-अपने तरीके से आंदोलन कर रहे हैं । इसके चलते जिले के अधिवक्ता 3 दिन से न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं वहीं राजस्व कर्मी भी पेन डाउन हड़ताल कर रहे है। मामले में दोनों पक्षों के प्रदेश पदाधिकारी भी सक्रिय हो गए हैं । गुरुवार को बार काउंसिल ऑफ राजस्थान का प्रतिनिधि मंडल दौसा जिले के लालसोट पहुंचने के बाद शुक्रवार को राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद, राजस्थान पटवार संघ के पदाधिकारी भी दौसा पहुंचे जहां वे राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के तत्वाधान में जिला कलेक्ट्रेट के बाहर दिए गए धरने में शामिल हुए और उन्होंने एफआईआर में नामजद अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी की मांग की ।
आधी रात सड़क पर बैठे तहसीलदार
इस दौरान राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि तहसीलदार के साथ हुई घटना में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए । अधिवक्ताओं के अभद्रता के आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई वहीं प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठने के सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो और उन्हें सुरक्षित और बेहतर वातावरण मिले इसके लिए वे धरने पर बैठे हैं सरकार और प्रशासन से उम्मीद करते हैं कि वह जल्द ही इस गतिरोध को खत्म करने के लिए उचित कदम उठाएंगे इसके अलावा अधिवक्ताओं के लिए तहसीलदार द्वारा काले कोट वाले गुंडे शब्द का प्रयोग करने पर राजस्थान पटवार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह कविया ने कहा कि कई बार जोश में या परेशान होकर ऐसी बातें मुंह से निकल जाती है वह इसका विरोध करते हैं।
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FIR में गंभीर आरोप
उन्होंने कहा कि उनके साथी ऐसी बातें नहीं करे । वकील एक सम्मानित पेशा है वहीं अधिवक्ताओं ने भी जिला न्यायालय परिसर में नारेबाजी कर तहसीलदार के निलंबन की मांग की । अधिवक्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि जब तक तहसीलदार का निलंबन नहीं हो जाता और अधिवक्ताओं के ऊपर दर्ज झूठी एफआईआर रद्द नहीं हो जाती तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इस दौरान जिला अभिभाषक संघ के महासचिव विजेंद्र सिंह चेची का कहना है कि तहसीलदार द्वारा अधिवक्ताओं के साथ की गई अभद्रता दुर्भाग्यपूर्ण है जब तक तहसीलदार का निलंबन नहीं हो जाता तब तक वह कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे और सोमवार से संपूर्ण राजस्थान में कार्य का बहिष्कार किया जाएगा। जिले में अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार के कारण न्यायालय परिसर सूने पड़े रहे जहां अधिकांश वकीलों की टेबल खाली रही। वकीलों द्वारा केवल इमरजेंसी कार्य किए जा रहे हैं वही राजस्व कर्मियों के आंदोलन के चलते सभी राजस्व कार्य टके होने के कारण आम जन जरूरी प्रमाण पत्र कार्यों के लिए भटक रहे हैं वही वकील एवं राजस्व कर्मियों को टकराव आम लोगों के लिए बड़ी परेशानियों का सबक बनता हुआ नजर आ रहा है । दोनों ही जगह पर लोग अपने आवश्यक कार्यों के लिए भटकते हुए नजर आए । यह गतिरोध आखिरकार कब टूटेगा यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है?