Home > अजब गजब न्यूज > लाल धब्बा नहीं तो लड़की अशुध्द! इस तरह होता है लड़कियों का आज भी वर्जिनिटी टेस्ट, जानिए अजीब परंपरा का इतिहास

लाल धब्बा नहीं तो लड़की अशुध्द! इस तरह होता है लड़कियों का आज भी वर्जिनिटी टेस्ट, जानिए अजीब परंपरा का इतिहास

What is Virginity: देश में आज भी विर्जिनिटी टेस्ट करने के लिए ये परंपरा निभाई जाती है। जिसकी वजह से कई महिलाओं की शादीशुदा जिंदगी में दरार पड़ने लगती है।

By: Heena Khan | Published: September 6, 2025 12:41:43 PM IST



Virginity Test: शादी एक ऐसा बंधन है जिससे कई रिश्ते जुड़ते हैं। इस एक बंधन में 7 जन्मों तक साथ रहने का वादा किया जाता है। लेकिन क्या हो जब पति पहली रात के बाद ही महिला को छोड़ दे। अक्सर ऐसा होता है कि आज भी महिलाओं का विर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है। बस इस एक प्रथा की वजह से आज भी सैकड़ों लड़कियों के घर टूट जाते हैं। इन दिनों जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उसके बाद लोग शादी से डरने लगे हैं खासकर महिलाएं। 99 प्रतिशत लोग शादी करके अच्छा परिवार बसाने का सपना देखते हैं। हर जोड़ा अपनी सुहागरात का इंतजार करता है। आपने कई बॉलीवुड फिल्मों में देखा होगा कि, सुहागरात के दिन बिस्तर पर सफेद चादर बिछा दी जाती है। लेकिन आपको पता है कि इसके पीछे की क्या वजह है? आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे।

सफेद चादर वाली परंपरा 

हमारे समाज में आज भी ऐसी ही पिछड़ी और रूढ़िवादी सोच है। दरअसल, पहले के ज़माने में शादी की रात बिस्तर पर सफ़ेद चादर बिछाने के पीछे एक बड़ी वजह थी। जब भी महिलाओं की शादी होती थी, तो उनके कौमार्य की परीक्षा लेने के लिए सफ़ेद चादर बिछाई जाती थी। ऐसा माना जाता था कि इसके अलावा सफ़ेद चादर पर किसी भी तरह के दाग आसानी से दिखाई दे जाते हैं, जो एक तरह से परीक्षा का प्रतीक भी होता है। पहले के ज़माने में माना जाता था कि सफ़ेद चादर पर लगे खून के धब्बे नवविवाहित महिला की वर्जिनिटी का सबूत होता था। आज भी इस परंपरा को भारत के कई हिस्सों में माना जाता है। जिसकी वजह से लड़किओं को बेवजह से बदनामी का सामना करना पड़ता है। 

दूसरों की पत्नी को चुराकर करते हैं शादी, इस देश में निभाई जाती है ये अजीब परंपरा

सांस्कृतिक महत्व

बड़े बूढ़ों का मानना है कि अगर सफेद चादर पर खून का धब्बा है और लड़की शुद्ध है और अगर ऐसा नहीं होता तो यही कितनी लड़कियों की तलाक की वजह बन जाता है। वहीं माना ये भी जाता है कि सुहागरात पर सफेद चादर बिछाने की प्रथा, विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ों के लिए, पारंपरिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है। यह मुख्य रूप से पवित्रता, पवित्रता और नई शुरुआत का प्रतीक है। सफेद रंग को स्वच्छता और ताजगी का प्रतीक माना जाता है, जो एक नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।

मारी छोरी छोरों से कम है क्या! गालियों में इस राज्य की लड़कियों ने की PhD, डाटा देख चौंक जाएंगे आप

Advertisement